जलवायु परिवर्तन से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2050 तक होगा लाखों अरब रुपये का नुकसान- अध्ययन
जलवायु परिवर्तन के कारण अगले कुछ वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारी हानि होने की संभावना जताई जा रही है। जर्मनी के पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च (PIK) के वैज्ञानिकों द्वारा बुधवार को प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि अगले 25 वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगभग 19 प्रतिशत आय की हानि होने की संभावना है। 2025 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था को हर साल 38 लाख अरब डॉलर का नुकसान होगा।
इन पर पड़ सकता है सबसे अधिक असर
इस समस्या के लिए सबसे कम जिम्मेदार और प्रभावों से अनुकूलन के लिए न्यूनतम संसाधन रखने वाले देशों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसमें दक्षिण एशिया और अफ्रीका 2050 में लगभग 22 प्रतिशत की औसत आय हानि के साथ अत्यधिक प्रभावित होंगे। जलवायु परिवर्तन अगले 25 वर्षों में दुनियाभर के लगभग सभी देशों में भारी आर्थिक क्षति का कारण बनेगा। इससे जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका जैसे अत्यधिक विकसित देशों पर भी असर पड़ेगा।
अध्ययन में और क्या कहा गया?
शोधकर्ताओं ने कहा कि अनुमानित नुकसान बहुत बड़ा है और औसत तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करने में होने वाली लागत से यह लगभग 6 गुना अधिक है। आर्थिक क्षति अधिकतर औसत तापमान में वृद्धि के कारण होती है। 1850 के बाद से वैश्विक औसत तापमान में 1.1 डिग्री सेल्सियस से अधिक की वृद्धि हुई है, जिससे जलवायु प्रभाव और भी बढ़ गए हैं।