
ग्राहकों को झांसे में नहीं ले पाएंगे ई-काॅमर्स प्लेटफॉर्म, CCPA ने कसा शिकंजा
क्या है खबर?
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने सभी ई-कॉमर्स प्लेटफाॅर्म्स को 3 महीने के भीतर खुद का ऑडिट करने का निर्देश दिया है, ताकि डार्क पैटर्न को खत्म किया जा सके।
यह ऑनलाइन खरीदारों को डिजिटल हेरफेर से बचाने के लिए उठाया एक व्यापक कदम है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ऐसे 13 भ्रामक तरीकों की सूची जारी की है, जिनका उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
इसका उद्देश्य ग्राहकों को अधिक पारदर्शिता, भरोसे और जागरूकता के साथ ऑनलाइन खरीदारी का अनुभव देना है।
निर्देश
यह दिया है निर्देश
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा शनिवार (7 जून) को जारी निर्देश में स्वैच्छिक स्व-घोषणा भी प्रस्तुत करने को कहा गया है, जिसमें पुष्टि की गई है कि वे ऐसी प्रथाओं से मुक्त हैं।
कंपनियां अब 'सीमित समय ऑफर', 'अभी नहीं खरीदा तो चूक जाओगे', 'फेक रिव्यू', 'छूट खत्म होने वाली है' जैसे संदेशों से ग्राहकों को नहीं फंसा सकेंगी।
इसके अलावा ग्राहक की सहमति के बिना किसी सेवा का सब्सक्रिप्शन शुरू करना भी नियमों के दायरे में आ गया है।
डार्क पैटर्न
क्या है डार्क पैटर्न?
डार्क पैटर्न वे डिजिटल डिजाइन या यूजर इंटरफेस तकनीकें होती हैं, जिनका उद्देश्य उपभोक्ताओं को भ्रमित करना या उन्हें अनजाने में खरीदारी, सब्सक्रिप्शन या अतिरिक्त भुगतान के लिए मजबूर करना होता है।
सरकार ने इन्हें उपभोक्ता हितों के खिलाफ मानते हुए पूरी तरह खत्म करने के निर्देश दिए हैं।
इस प्रयास को समर्थन देने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह (JWG) का गठन किया है। यह समूह उल्लंघनों की पहचान करेगा, जागरूकता अभियान सुझाएगा।