बजट 2024: भारत के करोड़ों करदाताओं की क्या है उम्मीदें?
क्या है खबर?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा।
इस बजट से देश के 9.30 करोड़ से अधिक करदाताओं को काफी उम्मीदें हैं। इसका कारण है कि वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को पेश किए अंतरिम बजट में आयकर की मौजूदा स्थिति बरकरार रखी थी।
ऐसे में आइए जानते हैं कि इस पूर्ण बजट से करदाताओं को क्या-कया उम्मीदें होंगी।
व्यवस्था
भारत में वर्तमान में कैसी है इनकम टैक्स व्यवस्था?
भारत में वर्तमान में दो इनकम टैक्स व्यवस्थाएं हैं। एक नई और एक पुरानी।
नई व्यवस्था को 2020 में लागू किया गया था और 2023 में उसमें संशोधन किया गया था।
करदाताओं को पास दोनों व्यवस्थाओं में से किसी एक का चुनाव करने का विकल्प उपलब्ध है।
इसी तरह अगर इनकम टैक्स करदाता किसी भी व्यवस्था का चुनाव नहीं करते हैं तो इस स्थिति में उन्हें नई व्यवस्था के तहत ही अपनी आयकर रिटर्न भरनी होती है।
पुरानी व्यवस्था
पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था में कैसे लगता है टैक्स?
पुरानी व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की सालाना आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता है।
हालांकि, 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोग आयकर (IT) अधिनियम की धारा 87A के तहत ₹12,500 की छूट का दावा कर सकते हैं, यानी उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होता।
इसके बाद 5 से 10 लाख आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख से ऊपर आय पर 30 प्रतिशत टैक्स है।
नई व्यवस्था
नई टैक्स व्यवस्था में क्या है?
नई व्यवस्था में 5 टैक्स स्लैब हैं। इसमें 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं है और 50,000 रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) का लाभ मिलता है, इसलिए 7.5 लाख तक आय टैक्स फ्री है।
इसके बाद 3-6 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 6-9 लाख की आय पर 10 प्रतिशत, 9-12 लाख की आय पर 15 प्रतिशत, 12-15 लाख की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है।
उम्मीद
स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाए जाने की उम्मीद
वर्तमान की दोनों इनकम टैक्स व्यवस्थाओं में 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा है।
इस सुविधा को पहली बार 2018 में 40,000 रुपये से शुरू किया था और 2019 में इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया, लेकिन उसके बाद इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लंबे समय से इसे महंगाई दर के अनुसार बढ़ाने की मांग हो रही है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट में इस राशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है।
जानकारी
स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी ने निश्चित आय वालों को मिलेगी राहत
अगर केंद्र सरकार इस बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 1 लाख रुपये करती है तो इसका फायदा निश्चित आय वालों, विशेषकर पेंशनभोगियों को होगा। निम्न आय वर्ग के लोगों को भी इसका सीधा लाभ मिल सकेगा और उनकी खर्च योग्य आय बढ़ेगी।
बढ़ोतरी
मूल इनकम टैक्स छूट सीमा में बढ़ोतरी की भी होगी उम्मीद
इस बजट में करदाताओं को मूल इनकम टैक्स छूट सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद होगी।
यह वह सीमा है जिससे नीचे की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है। फिलहाल, मूल इनकम टैक्स सीमा 3 लाख रुपये है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार बजट में इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है।
हालांकि, यह बदलाव 7.5 लाख रुपये से कम कमाई वाले लोगों के लिए ज्यादा मायने नहीं रखता, लेकिन उनका टैक्स जरूर कम हो सकता है।
फायदा
मूल इनकम टैक्स छूट सीमा में बढ़ोतरी से क्या होगा फायदा?
वर्तमान में नई टैक्स व्यवस्था में मूल छूट सीमा 3 लाख रुपये है, लेकिन कई कर्मचारी HRA और 80C की कटौती के लाभों के लिए पुरानी व्यवस्था को प्राथमिकता देते हैं।
अगर सरकार दोनों व्यवस्थाओं में इस सीमा को 5 लाख रुपये कर देती है, तो फिर 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
इससे करदाताओं के हाथों में खर्च वाली आय अधिक बचेगी और वह उन्हें अधिक बचत या आवश्यक जरूरतों पर खर्च कर पाएंगे।
पूंजीगत लाभ
पूंजीगत लाभ के टैक्स में भी बदलाव की है उम्मीद
बजट 2024 की बड़ी उम्मीदों में पूंजीगत लाभ टैक्स में बदलाव शामिल है।
यह टैक्स सोना, रियल एस्टेट, स्टॉक या म्यूचुअल फंड जैसी संपत्ति बेचने पर लगता है।
उदाहरण के तौर पर अगर कोई भारतीय सोना खरीदने के 3 साल के भीतर बेचता है तो उस पर होने वाले लाभ पर उसकी कुल आय के हिसाब से टैक्स लगता है।
3 साल बाद लाभ पर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है। ऐसे में करदाताओं को इसमें भी बदलाव की उम्मीद है।