गो फर्स्ट एयरलाइन को मिला और समय, 3 अगस्त तक पूरी करनी होगी दिवालियापन समाधान प्रक्रिया
दिवालिया हो चुकी गो फर्स्ट एयरलाइन को कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (CIRP) पूरी करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 60 दिन का और समय दिया है। यह दूसरी बार है जब दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत निर्धारित 330 दिनों के अतिरिक्त समय दिया गया है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले से एयरलाइन द्वारा रखे गए सभी पट्टे पर दिए गए विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया था।
अब नहीं मिलेगा कोई विस्तार
प्रक्रिया पूरी करने के लिए गो फर्स्ट एयरलाइन के पास अब 3 अगस्त तक समय है। NCLT ने दिवालिया एयरलाइन की लेनदारों की समिति (COC) और समाधान पेशेवर से समय सीमा का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया। NCLT ने यह बात भी साफ कही है कि 3 अगस्त से आगे कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा। समाधान पेशेवर के वकील ने निवेशकों की ओर से आने वाली बोलियों का हवाला देते हुए विस्तार की आवश्यकता को बताया था।
पिछले साल कंपनी ने दिवालियेपन के लिए किया था आवेदन
गो फर्स्ट ने प्रैट एंड व्हिटनी द्वारा दिए गए खराब इंजनों के कारण वित्तीय संकट का हवाला देते हुए 2 मई, 2023 को दिवालियेपन के लिए आवेदन किया था। एयरलाइन की लेनदारों के प्रति कुल देनदारियां लगभग 11,463 करोड़ रुपये हैं, जिसमें बैंकों, वित्तीय संस्थानों, विक्रेताओं और विमान पट्टेदारों का बकाया शामिल है। बता दें कि गो फर्स्ट एयरलाइन की स्थापना 2005 में हुई थी और इसे पहले वाडिया समूह का समर्थन प्राप्त था।