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ऐपल ने भारत के प्रतिस्पर्धा-विरोधी दंड नियमों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की याचिका
ऐपल ने प्रतिस्पर्धा-विरोधी नियमों के खिलाफ दायर की याचिका (तस्वीर: अनस्प्लैश)

ऐपल ने भारत के प्रतिस्पर्धा-विरोधी दंड नियमों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की याचिका

Nov 27, 2025
03:40 pm

क्या है खबर?

ऐपल भारत के नए प्रतिस्पर्धा-विरोधी दंड नियमों का कड़ा विरोध कर रही है और उसने दिल्ली हाई कोर्ट में इन्हें चुनौती दी है। कंपनी का कहना है कि 2024 में बनाए गए इस कानून के तहत रेगुलेटर्स कंपनी के ग्लोबल टर्नओवर पर आधारित भारी जुर्माना लगा सकते हैं। ऐपल को डर है कि नियम कायम रहने पर उस पर लगभग 38 अरब डॉलर (लगभग 3,400 अरब रुपये) तक का जुर्माना लग सकता है, जो भारत में सबसे बड़ा जुर्माना होगा।

तर्क

क्या है ऐपल का तर्क?

ऐपल का तर्क है कि जुर्माना सिर्फ भारत में होने वाले कारोबार के आधार पर तय होनी चाहिए, न कि दुनियाभर की कमाई पर। कंपनी ने कहा कि नया नियम मनमाना और असंवैधानिक है और घरेलू कानून के हिसाब से बेहद ज्यादा सजा जैसी स्थिति पैदा करता है। ऐपल की चुनौती 2022 में शुरू हुई उस प्रतिस्पर्धा-विरोधी जांच से जुड़ी है, जिसमें उस पर अपने ऐप स्टोर में पेमेंट विकल्प सीमित करने और अधिक कमीशन लेने के आरोप लगे थे।

विवाद  

पिछली तारीख से लागू करने का विवाद  

ऐपल का कहना है कि CCI ने इसी नियम को एक दूसरे मामले में पिछली तारीख से लागू कर दिया था, जिससे कंपनी को डर है कि उसके चल रहे केस में भी ऐसा हो सकता है। ऐपल ने कोर्ट को बताया कि जुर्माना केवल उसी बिजनेस एक्टिविटी से आए राजस्व पर लगनी चाहिए, जिससे शिकायत जुड़ी है। कंपनी ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर समस्या खिलौने के छोटे बिजनेस से जुड़ी है।

उपस्थिति  

भारत में ऐपल की बढ़ती उपस्थिति  

ऐपल भारत में अपने बढ़ते बिजनेस के कारण पहले से अधिक रेगुलेटरी निगरानी में आ गई है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि पिछले 5 साल में देश में ऐपल का स्मार्टफोन यूजर बेस 4 गुना बढ़ा है, जिससे कंपनी पर नियमों का असर बढ़ा है। 3 दिसंबर को मामले की सुनवाई होगी और इसका फैसला तय करेगा कि भविष्य में भारत ग्लोबल टेक कंपनियों पर जुर्माना कैसे लगाएगा। अगर ऐपल केस हार जाती है, तो उसे भारी सजा मिल सकती है।