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H-1B नियमों के सख्त होने के बाद टेक कंपनियों ने की भारत में बड़ी भर्ती
टेक कंपनियों ने की भारत में बड़ी भर्ती

H-1B नियमों के सख्त होने के बाद टेक कंपनियों ने की भारत में बड़ी भर्ती

Dec 26, 2025
04:08 pm

क्या है खबर?

अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियों ने इस साल H-1B वीजा नियमों में सख्ती के बीच भारत में बड़े पैमाने पर भर्ती की है। मेटा, अमेजन, ऐपल, माइक्रोसॉफ्ट, नेटफ्लिक्स और गूगल जैसी कंपनियों ने 2025 खत्म होने तक भारत में कुल मिलाकर 32,000 से ज्यादा नए कर्मचारियों को जोड़ा है। स्टाफिंग फर्म एक्सफेनो के मुताबिक, इससे भारत में इन कंपनियों की कुल वर्कफोर्स बढ़कर करीब 2.14 लाख हो गई है, जो सालाना आधार पर अच्छी बढ़त दिखाती है।

मांग

AI और स्पेशल स्किल्स की बढ़ती मांग

भर्ती में आई यह तेजी खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल स्किल्स की बढ़ती जरूरत को दिखाती है। एक्सफेनो और टीमलीज डिजिटल के अनुसार, FAAMNG ग्रुप में इस समय 3,000 से 5,000 से ज्यादा एक्टिव जॉब ओपनिंग हैं। कंपनियां अब जनरल रोल्स के बजाय AI, डाटा एनालिटिक्स, क्लाउड, साइबर सुरक्षा और गवर्नेंस जैसे स्पेशल टेक रोल्स पर फोकस कर रही हैं, जिनकी मांग पिछले साल के मुकाबले तेज़ी से बढ़ी है।

 नियम 

H-1B नियम और भारत की भूमिका

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में H-1B वीजा फीस बढ़ने और नियम सख्त होने से कंपनियां भारत की ओर ज्यादा1 झुक रही हैं। नए सिस्टम में हाई-सैलरी और हाई-स्किल प्रोफाइल को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे भारत में लोकल टैलेंट को फायदा मिल रहा है। जानकार मानते हैं कि भारत की स्किल और कॉस्ट एडवांटेज के चलते अमेरिकी कंपनियों के लिए यहां भर्ती करना अभी भी किफायती और रणनीतिक विकल्प बना हुआ है।

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असर

भारत में भारी निवेश का असर

बड़ी टेक कंपनियां सिर्फ भर्ती ही नहीं, बल्कि भारत में भारी निवेश भी कर रही हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन ने देश में AI, क्लाउड और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर अरबों डॉलर निवेश की घोषणा की है। नए ऑफिस, डाटा सेंटर और टेक हब खुलने से आने वाले वर्षों में और नौकरियां बनने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 2026 में भी भारत में बिग टेक की हायरिंग जारी रह सकती है, लेकिन यह ज्यादा चयनित और स्किल-आधारित होगी।

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