
समद्र के अंदर तैनात होंगे स्वदेशी रक्षक, अडाणी समूह ने अमेरिकी कंपनी से की साझेदारी
क्या है खबर?
समुद्र के अंदर भारत की सुरक्षा को मजबूती देने के लिए अडाणी समूह की अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी ने रविवार (18 मई) को अमेरिकी कंपनी स्पार्टन के साथ साझेदारी की है।
एल्बिट सिस्टम्स समूह की अंडरसी वारफेयर कंपनी स्पार्टन गौतम अडाणी की कंपनी को इलेक्ट्रॉनिक सेंसर और नेविगेशन सिस्टम विकसित करने में मदद करेगी।
इसका उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारतीय नौसेना के लिए यहां बने एंटी-सबमरीन वारफेयर सिस्टम (ASW) और सोनोबॉय उपलब्ध कराना है।
सोनोबॉय
सोनोबॉय बनाने वाली पहली निजी कंपनी
अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस भारतीय नौसेना को स्वदेशी सोनोबॉय समाधान प्रदान करने वाली भारत की पहली निजी कंपनी होगी।
यह एक अत्याधुनिक डिवाइस है, जो समुद्र के नीचे दुश्मन की पनडुब्बियों को डिटेक्ट, लोकेट और ट्रैक करने में मदद करता है।
सोनोबॉय भारतीय नौसेना की समुद्र के अंदर डोमेन जागरूकता क्षमताओं को बढ़ाने के साथ सुरक्षा, गश्त और कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स की रक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अब तक भारत को यह तकनीक विदेशों से मंगवानी पड़ती थी।
स्पार्टन
अमेरिकी नौसेना को भी आपूर्ति करती है इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम
स्पार्टन अमेरिकी नौसेना और संबद्ध सैन्य बलों के लिए समुद्र के अंदर युद्ध के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम विकसित, उत्पादन और आपूर्ति करती है।
दिसंबर, 2020 में इस फर्म को इजरायली रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एल्बिट सिस्टम्स ने अधिग्रहित कर लिया था।
इस डील से पहले अडाणी ग्रुप ने 2018 में एल्बिट सिस्टम्स के साथ घातक हर्मीस 900 ड्रोन बनाने के लिए एक संयुक्त उद्यम साझेदारी स्थापित की थी। 2020 में अडाणी-एलबिट ने 'मिनी' ड्रोन मिसाइल हथियार उत्पादन की घोषणा की थी।