अडाणी ने 2023 के हिंडनबर्ग संकट के बाद से 80,000 करोड़ रुपये के 33 सौदे किए
क्या है खबर?
अडाणी समूह के लिए पिछले कुछ साल आसान नहीं रहे, खासकर 2023 की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद जब ग्रुप पर गंभीर आरोप लगे और बाजार में झटका देखने को मिला। हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद अडाणी समूह ने धीरे-धीरे अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की। जनवरी, 2023 से अब तक ग्रुप ने अलग-अलग कारोबार में करीब 80,000 करोड़ रुपये के 33 अधिग्रहण पूरे किए हैं, जिससे पता चलता है कि समूह का विस्तार जारी है।
अधिग्रहण
कोर बिजनेस पर रहा अधिग्रहण का फोकस
बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, अडाणी समूह ने अधिग्रहण मुख्य रूप से अपने कोर सेक्टर में किए हैं। सबसे ज्यादा निवेश पोर्ट्स सेक्टर में हुआ, जहां करीब 28,145 करोड़ रुपये के सौदे किए गए। इसके बाद सीमेंट सेक्टर में 24,710 करोड़ रुपये और पावर सेक्टर में 12,251 करोड़ रुपये के अधिग्रहण हुए। इसके अलावा, नए उभरते कारोबार, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े क्षेत्रों में भी सीमित लेकिन रणनीतिक निवेश किए गए हैं।
रणनीति
निवेशकों का भरोसा लौटाने की रणनीति
ये अधिग्रहण ऐसे समय हुए हैं जब अडाणी समूह निवेशकों का भरोसा फिर से मजबूत करने में जुटा है। समूह ने बैलेंस शीट सुधारने, कर्ज घटाने और पूंजी के सही इस्तेमाल पर जोर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बेहतर पारदर्शिता, लेंडर्स के साथ लगातार संवाद और समय पर प्रोजेक्ट पूरा करने से फंडिंग की स्थिति स्थिर हुई है। कम लेवरेज और नियंत्रित जोखिम ने निवेशकों की चिंताओं को धीरे-धीरे कम किया है।
नजर
आगे की ग्रोथ पर अडाणी समूह की नजर
भविष्य की बात करें तो अडाणी समूह ने अगले 5 सालों में करीब 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की योजना बनाई है। यह निवेश ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ चुनिंदा अधिग्रहण के जरिए किया जाएगा। इस दौरान समूह का विशेष ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और लॉजिस्टिक्स पर रहेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा रणनीति से ग्रुप की लंबी अवधि की ग्रोथ और वित्तीय स्थिरता दोनों मजबूत हो सकती हैं।