
पेट्रोल कार में लगवाना चाहते हैं CNG किट? जानिए लीजिए कितना सही या गलत
क्या है खबर?
पेट्रोल-डीजल की कीमतें अधिक होने के कारण कार खरीदारों के लिए CNG ईंधन पंसदीदा विकल्प बनता जा रहा है। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2025 में CNG कारों की बिक्री (7.87 लाख) ने पहली बार डीजल मॉडल्स (7.36 लाख) को पीछे छोड़ दिया। CNG मॉडल के सीमित विकल्पों के कारण लोग आफ्टर-मार्केट किट लगवाते हैं। आप भी ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं तो जान लें फैक्ट्री-फिटेड और आफ्टर-मार्केट CNG किट में कौनसा सही चुनाव है।
फैक्ट्री-फिटेड
क्या होती है फैक्ट्री-फिटेड CNG किट?
CNG किट को पेट्रोल इंजन के साथ जोड़ा जाता है। फैक्ट्री-फिटेड कार के मामले में इंजन को विशेष रूप से डिजाइन किए गए वाल्व सीट, सिलेंडर हेड माउंटिंग और रेडिएटर जैसे कुछ घटकों के साथ संशोधित किया जाता है। इंजन को कम पावर और टाॅर्क लिए ट्यून किया जाता है और सस्पेंशन में भी बदलाव होते हैं। इनमें CNG किट लगने के बाद निर्माता इन कारों की दक्षता, प्रदर्शन और सुरक्षा के लिए परीक्षण करते हैं।
आफ्टर-मार्केट किट
क्या होती है आफ्टर-मार्केट किट?
आफ्टर-मार्केट या रेट्रो-फिटेड CNG किट का इस्तेमाल वे लोग करते हैं, जिनके पास पुरानी कार है और पेट्रोल के महंगे खर्चे से तंग आ गए हैं। उन्हें अपनी गाड़ी को सस्ते ईंधन विकल्प CNG पर चलाने की सुविधा मिल जाती है। इसमें गाड़ी के अंदर कोई बदलाव किए बिना किट लगा दी जाती है। इसके लगवाने में महज 40,000 से 50,000 रुपये का खर्चा आता है, जो फैक्ट्री-फिटेड की कीमत (करीब 1 लाख रुपये) से लगभग आधा है।
नुकसान
आफ्टर-मार्केट किट से इंजन को होता है नुकसान
जहां आफ्टर-मार्केट CNG किट लगवाने के फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। इनका इंजन पूरी तरह से पेट्रोल के लिए डिजाइन किया गया है, जिसे CNG उपयोग में परिवर्तित किया जाता है। इस कारण इनके स्पार्क प्लग, एयर फिल्टर और रेडिएटर जल्दी खराब हो जाते हैं। दूसरी तरफ फैक्ट्री-फिटेड कार पहले से ही CNG सेटिंग्स के साथ निर्मित होती है। इस कारण इनमें इंजन और अन्य पार्ट्स पर कोई असर नहीं पड़ता।
वारंटी
खत्म हो जाती है गाड़ी की वारंटी
आफ्टर-मार्केट CNG किट लगी गाड़ियों में सस्पेंशन सेटअप सिलेंडर का अतिरिक्त वजन उठाने के लिए तैयार नहीं होता, जिससे स्प्रिंग काफी कमजोर हो जाती है। इनमें 50,000 से 60,000 किलोमीटर चलने के बाद इंजन के प्रदर्शन और हीटिंग से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा, फिटिंग ठीक से नहीं होने पर आग लगने का खतरा भी हो सकता है। सबसे बड़ा नुकसान आफ्टर-मार्केट किट लेने से कार की वारंटी भी रद्द हो जाती है।