कार में सीट बेल्ट लगाना सुरक्षा के साथ बीमा क्लेम कर देता है आसान, जानिए फायदे
कार में सुरक्षा के लिए सीट बेल्ट सबसे अहम सेफ्टी फीचर्स में से एक है। सीट बेल्ट ना लगाने की वजह से हर साल हजारों लोग दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। इसी को देखते हुए गाड़ियों में सीट बेल्ट रिमाइंडर फीचर दिया जाता है, जो यात्रियों को सीट बेल्ट लगाने के लिए आगाह करता है। यह जान बचाने के साथ बीमा क्लेम पास कराने में भी सहायक है। आइये जानते हैं सीट बेल्ट के क्या-क्या फायदे हैं।
बीमा क्लेम हो सकता है रिजेक्ट
कई बार बीमा कंपनियां दुर्घटना के बाद गाड़ी का बीमा क्लेम इस कारण रिजेक्ट कर देती है कि ड्राइविंग के समय चालक ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी। इसको लेकर बीमा पॉलिसी में एक सेक्शन होता है, जिसमें लिखा होता है कि ड्राइवर बिना सीट बेल्ट लगाए गाड़ी चलाता है तो उस दौरान दुर्घटना होने पर किसी भी नुकसान की भरपाई नहीं की जाएगी। इस तरह की परेशानी से बचने के लिए सीट बेल्ट लगाकर कार चलाना जरूरी है।
चालान कटने से होगा बचाव
सीट बेल्ट लगाकर कार नहीं चलाना सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स (CMVR) के नियम 138 (3) का उल्लंघन माना जाता है। ऐसी स्थिति में पकड़े जाने पर ट्रैफिक पुलिस आपका चालान काट सकती है। आप सीट बेल्ट लगाकर भारी जुर्माने से बच सकते हैं। सीट बेल्ट लगाने से आपका शरीर चलती गाड़ी में स्थिर बना रहता है। इससे गाड़ी के गड्ढे या स्पीड ब्रेकर से गुजरने के दौरान आपके सिर या गर्दन में चोट लगने का खतरा नहीं रहता।
भीषण दुर्घटना में भी बची रहती है जान
यह सुविधा दुर्घटना के समय आपकी जान बचाने में काफी मददगार साबित होती है। कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि हादसे के दौरान कार की फ्रंट सीट पर बैठा यात्री विंडस्क्रीन तोड़ते हुए बाहर निकल जाता है। दूसरी तरफ चालक स्टेयरिंग व्हील से टकरा सकता है। साथ ही तेज टक्कर होने पर यात्री गाड़ी से बाहर निकल सकते हैं। इन स्थितियों में जान जाने का पूरा खतरा रहता है। सीट बेल्ट इन संभावनाओं का कम कर देता है।