फॉक्सवैगन ग्रुप ने भारत निर्मित कारों के निर्यात में 6 लाख यूनिट का आंकड़ा किया पार
स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया ने भारत में पुणे के चाकन प्लांट में निर्मित 6 लाख कारों के निर्यात का कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां बनाए गए मॉडल्स की मेक्सिको, खाड़ी देशों, सब सहारा, उत्तरी अफ्रीका और अन्य एशियाई बाजारों में अच्छी मांग रहती है। फॉक्सवैगन कारों का निर्यात पोलो और वेंटो से शुरू हुई था और अब कंपनी यहां बन रही फॉक्सवैगन वर्टस, टाइगुन सहित स्कोडा कुशाक को बिक्री के लिए अन्तरराष्ट्रीय बाजार में भेज रही है।
2024 में वियतनाम में भी हाेगा यहां बनी कारों का निर्यात
स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन के प्रबंध निदेशक और CEO पीयूष अरोड़ा ने कहा, "भारत से निर्यात हमारी वैश्विक रणनीति का एक अभिन्न हिस्सा है। 6 लाख यूनिट का आंकड़ा पार करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।" उन्होंने कहा, "यह सफलता घरेलू बाजार और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मेक इन इंडिया के प्रति हमारी स्थिर प्रतिबद्धता का उदाहरण देती है।'' कंपनी ने यह भी कहा है कि भारत निर्मित कुशाक और स्लाविया मॉडल को 2024 में वियतनाम में भी निर्यात किया जाएगा।
चाकन प्लांट का किया जा रहा विस्तार
फॉक्सवैगन ग्रुप के चाकन प्लांट की शुरुआत 2009 में हुई थी। यहां ग्रुप में शामिल स्कोडा, फॉक्सवैगन, ऑडी, पोर्शे और लेम्बोर्गिनी की कारों का निर्माण किया जाता है। इस प्लांट की सालाना उत्पादन क्षमता 2 लाख यूनिट है। कंपनी यहां प्रोडक्शन क्षमता बढ़ाने के लिए प्लांट का विस्तार कर रही है। यहां 16,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में एडवांस प्लांट का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और जल्द ही यह पूरा हो जाएगा।