हाइब्रिड और फ्लेक्स-हाइब्रिड गाड़ियों पर टैक्स में कटौती चाहती है टोयोटा, सरकार को लिखा पत्र
जापान की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा देश में अपनी हाइब्रिड लाइनअप का विस्तार करने की योजना बना रही है। कंपनी देश में पहले से ही कई हाइब्रिड गाड़ियों की बिक्री कर रही है और कई मॉडल अभी पाइपलाइन में हैं। अपनी हाइब्रिड गाड़ियों की कीमतों को कम करने और ग्राहकों के लिए इन्हे और किफायती बनाने के लिए कंपनी ने सरकार से हाइब्रिड और फ्लेक्स-हाइब्रिड गाड़ियों पर टैक्स कम करने की मांग की है।
21 प्रतिशत टैक्स कम करने की है मांग
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो टोयोटा मोटर सरकार से अपने हाइब्रिड वाहनों पर 21 प्रतिशत टैक्स कटौती की मांग कर रही है। टोयोटा की कहना है कि पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की तुलना में हाइब्रिड गाड़ियां कम प्रदूषण फैलाती हैं और इस वजह से सरकार की तरफ से इन पर कुछ प्रोत्साहन मिलना चाहिए। बता दें, वर्तमान में पेट्रोल गाड़ियों पर 48 प्रतिशत, हाइब्रिड गाड़ियों पर 43 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता है।
नीति आयोग को भी पत्र लिख चुकी है कंपनी
देश में टोयोटा के प्रमुख विक्रम गुलाटी द्वारा 20 सितंबर को नीति आयोग को लिखे पत्र में कंपनी ने हाइब्रिड वाहनों के लिए 11 प्रतिशत और फ्लेक्स-हाइब्रिड वाहनों के लिए 14 प्रतिशत टैक्स कम करने की मांग की थी। इससे हाइब्रिड गाड़ियों पर 37 प्रतिशत और फ्लेक्स-हाइब्रिड गाड़ियों पर 34 प्रतिशत टैक्स लगेगा। इसमें हाइब्रिड वाहनों के खरीदारों को EV खरीदारों की तरह छूट देने के लिए सरकारी प्रोत्साहन योजना की भी बात की गई थी।
कंपनी को करना पड़ रहा है आलोचनाओं का सामना
रिपोर्ट में कहा गया है कि कम विकसित इलेक्ट्रिक वाहन इंफ्रास्ट्रक्टर के कारण टोयोटा को अपने हाइब्रिड मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए जलवायु कार्यकर्ताओं और निवेशकों द्वारा काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अभी तक कंपनी और नीति आयोग ने पत्र पर कोई टिप्पणी नहीं की। कंपनी के प्रमुख ने बताया कि पर्यावरण की रक्षा के लिए इलेक्ट्रिक वाहन और हाइब्रिड गाड़ियां बेहतर विकल्प हैं।
क्या होती है हाइब्रिड और फ्लेक्स-हाइब्रिड कार?
हाइब्रिड कार दो तरह की इंजन से मिलकर बनी होती है, जिसमें एक ईंधन वाला इंजन होता है। दूसरा बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर होती है। इन कारों को एक समय पर पेट्रोल वहीं, दूसरे समय में इलेक्ट्रिक कार की तरह चलाया जाता है। देश में अभी जो हाइब्रिड कारें मौजूद हैं वो पेट्रोल पर चलती हैं। फ्लेक्स-हाइब्रिड गाड़ियां भी इसी तरह काम करती है। हालांकि, इनमें लिक्विड फ्यूल के तौर पर फ्लेक्स फ्यूल का इस्तेमाल होता है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
टेस्ला ने भी भारत सरकार से इलेक्ट्रिक वाहनों में आयात शुल्क में रियायत देने की मांग की थी, जिसके जवाब में सरकार ने टेस्ला के सामने भारत में ही उत्पादन शुरू करने की शर्त रख दी थी। अब टेस्ला भारत में कार निर्माण फैक्ट्री स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी भारत सरकार के साथ बातचीत भी शुरू कर चुकी है। टेस्ला की प्रस्तावित फैक्ट्री में सालाना 5 लाख इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन करने की क्षमता होगी।