टोयोटा इनोवा होगी दुनिया की पहली फ्लैक्स-फ्यूल आधारित कार, मंगलवार को नितिन गडकरी करेंगे लॉन्च
क्या है खबर?
कार निर्माता टोयोटा इस समय फ्लैक्स-फ्यूल से संचालित होने वाली गाड़ियों पर काम कर रही है। कंपनी फ्लैक्स-फ्यूल इंजन वाली टोयोटा इनोवा लेकर आने वाली है।
जानकारी के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस गाड़ी को मंगलवार को लॉन्च करने वाले हैं।
इसके साथ ही टोयोटा 100 प्रतिशत इथेनॉल संचालित कार लॉन्च करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन जाएगी।
बता दें कि कंपनी हाइड्रोजन से चलने वाली कार मिराई पहले ही लॉन्च कर चुकी है।
बयान
इस बारे में गडकरी के क्या कहा?
इस बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा, "29 अगस्त को मैं 100 प्रतिशत इथेनॉल से चलने वाली इनोवा कार लॉन्च करने जा रहा हूं। अगर हमें आत्मनिर्भर बनना है तो पेट्रोल और डीजल का आयात कम करना होगा। फिलहाल हम हर साल 16 लाख करोड़ रुपये तेल के आयात पर खर्च करते है, जो अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है।''
बता दें, केंद्र सरकार फ्लैक्स-फ्यूल आधारित इंजन लेन के लिए लंबे समय से विचार कर रही है।
फ्यूल
क्या होता है फ्लैक्स-फ्यूल?
'फ्लैक्स-फ्यूल इंजन' एक आंतरिक दहन इंजन (ICE) ही है, जो एक से अधिक प्रकार के ईंधन और मिश्रण पर भी चल सकता है। आमतौर पर इनमें पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का उपयोग किया जाता है।
यह इंजन इन ईंधनों को किसी भी अनुपात में लेकर काम करने में सक्षम होते हैं। यह इंजन 100 प्रतिशत पेट्रोल या इथेनॉल पर चलने में सक्षम हैं। इनका प्रयोग ब्राजील, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में पहले से हो रहा है।
इनोवा
इनोवा होगी दुनिया की पहली फ्लैक्स-फ्यूल कार
अगर टोयोटा इनोवा को फ्लैक्स-फ्यूल इंजन के साथ लॉन्च किया जाता है तो यह भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की पहली फ्लैक्स-फ्यूल कार बन जाएगी। कंपनी ने इसे टोयोटा इनोवा फ्लेक्सी फ्यूल नाम से उतार सकती है।
इसमें पेट्रोल मॉडल जैसा ही 2.4-लीटर पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह 100 प्रतिशत इथेनॉल पर चलने में सक्षम होगा। कंपनी को इस इंजन को 100 प्रतिशत इथेनॉल पर चलाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं।
लाभ
फ्लैक्स-फ्यूल इंजन से क्या होगा लाभ?
भारत फ्लैक्स-फ्यूल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि अभी देश में अधिकांश ईंधन अन्य देशों से आयात किए जाते हैं।
फ्लैक्स-फ्यूल को अपनाने से भारत के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, क्योंकि इथेनॉल का उत्पादन स्थानीय स्तर पर होगा और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा इससे ईंधन का आयात भी कम हो सकेगा और देश के गन्ना और मकई के किसानों को भी फायदा पहुंचेगा।
न्यूजबाइट्स
न्यूजबाइट्स (जानकारी)
फ्लैक्स-फ्यूल पर्यावरण के लिए बहुत जरूरी हैं क्योंकि इथेनॉल या मेथनॉल पेट्रोल की तुलना में अधिक कुशलता से जलते हैं जिससे प्रदूषण कम होता है।
गन्ने और मकई जैसे उत्पादों से इथेनॉल का उत्पादन स्थायी रूप से किया जा सकता है। इसलिए अन्य देशों से पेट्रोल आयात करने के बजाय इथेनॉल का मिश्रण एक बेहतर विकल्प है।
अन्य देश भी इस प्रकार के विकल्पों को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, जिससे दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो सके।