इलेक्ट्रिक कार मालिक दोबारा खरीदना चाहते हैं पेट्रोल-डीजल गाड़ी, सर्वे में हुआ खुलासा
पर्यावरण संरक्षण के लिए परिवहन के साधनों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन एक सर्वे से इसके उलट परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इलेक्ट्रिक कार मालिक दूसरी गाड़ी खरीदते समय इलेक्ट्रिक की बजाय पेट्रोल-डीजल से चलने वाली आंतरिक दहन इंजन (ICE) कार वापस खरीदना चाहते हैं। पार्क+ की ओर से 500 इलेक्ट्रिक कार मालिकों के साथ किए सर्वे में 51 ने कहा है कि वे वापस ICE कार खरीदना चाहते हैं।
चार्जिंग की समस्या है बड़ा कारण
ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म पार्क+ के सर्वेक्षण में इलेक्ट्रिक कारों की बजाय ICE मॉडल चुनने के लिए 88 प्रतिशत कार मालिकों ने चार्जिंग समस्या को बड़ा कारण बताया है, जिन्हें हमेशा रेंज की चिंता लगी रहती है। इसके अलावा सर्वे में इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के लिए सुरक्षित और सुलभ EV चार्जिंग स्टेशन की कमी भी सामने आई है। बता दें, भारत में 20,000 से अधिक EV चार्जिंग स्टेशन मौजूद बताए जा रहे हैं, लेकिन यह संख्या अपर्याप्त है।
इलेक्ट्रिक कार को ठीक कराने में आता है ज्यादा खर्चा
सर्वे फर्म ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की मरम्मत की उच्च लागत EV कार मालिकों के लिए चिंता का एक और प्रमुख कारण थी। 73 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कार मालिकों ने बताया कि उन्हें गाड़ी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इस कारण मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक कंपोनेंट की मरम्मत कराना मुश्किल होता है और मैकेनिक भी छोटी-छोटी समस्याओं को ठीक करने में असमर्थ हो जाते हैं। इसके अलावा बैटरी बदलवाने की ज्यादा लागत भी इसके पीछे बड़ी वजह है।