हरियाणा में नई फैक्ट्री लगाने की तैयारी में मारुति सुजुकी, करेगी 18,000 करोड़ रुपये का निवेश
क्या है खबर?
देश की अग्रणी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी हरियाणा में सालाना 7.8 से 10 लाख यूनिट उत्पादन क्षमता वाला अपना नया प्लांट खोलने जा रही है।
मारुति अपने इस नए प्लांट को स्थापित करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
लॉजिस्टिक से जुड़ी दिक्कतों के कारण वाहन निर्माता कंपनी मारुति, गुरुग्राम आधारित फैक्ट्री से अपनी उत्पादन सुविधाओं को इस आगामी फैक्ट्री में शिफ्ट करना चाहती हैं।
आइए जानते हैं पूरी खबर।
समस्या
गुरुग्राम स्थित फैक्ट्री में यह है सबसे बड़ी दिक्कत
मारुति सुजुकी ने साल 1983 में गुरुग्राम से मारुति 800 का उत्पादन करके भारत में संचालन की शुरुआत की थी।
गुरुग्राम स्थित मारुति की फैक्ट्री आवासीय इलाके से काफी नजदीक है, इस वजह से 300 एकड़ में फैली इस फैक्ट्री को भीड़ और जाम की समस्या से जूझना पड़ता है।
कच्चे माल और तैयार उत्पादों को फैक्ट्री से लाने और ले जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय निवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी
अपने कैश रिजर्व से फंड आवंटन करेगी मारुति
कोरोना महामारी के कारण पिछले साल मारुति को अपनी इस योजना को टालना पड़ा था। कार निर्माता कंपनी इस बड़े निवेश के लिए 18,000 करोड़ रुपये का फंड अपने कैश रिजर्व से आवंटित करेगी, जो कि 30,000 करोड़ रुपये तक है।
अन्य फैक्ट्रियां
मानेसर और गुजरात में भी है मारुति की फैक्ट्रियां
मारुति सुजुकी की गुरुग्राम स्थित फैक्ट्री में अल्टो और वैगन-R कारों का निर्माण किया जाता है। गुरुग्राम आधारित इस फैक्ट्री में सालाना सात लाख कारों का उत्पादन किया जाता है।
इसके अतिरिक्त कंपनी की एक फैक्ट्री मानेसर में भी स्थित है, जहां पर सालाना 8.5 लाख इकाई कारों का उत्पादन किया जाता है।
साथ ही कार निर्माता कंपनी ने गुजरात में अपनी एक और फैक्ट्री स्थापित की है, जिसकी सालाना उत्पादन क्षमता 7.5 लाख यूनिट है।
चिंता
हरियाणा सरकार की आरक्षण नीति में कुछ राहत चाहती है कंपनी
मारुति सुजुकी के चेयरपर्सन RC भार्गव ने कहा, "हरियाणा सरकार की स्थानीय लोगों को व्यवसाय और फैक्ट्री में 75 प्रतिशत आरक्षण देने की नीति के कारण वाहन निर्माण कंपनियों को असुविधा हो रही है, जिससे वे हरियाणा सरकार से खुश नहीं हैं।"
भार्गव ने कहा कि वे राज्य सरकार से बातचीत कर कुछ ऐसा उपाय खोजना चाह रहे हैं, जिससे कि सभी को फायदा पहुंचे। यह नीति एक ऐसा कदम नहीं है जिससे निवेश या प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिले।