EV बिजनेस के लिए महिंद्रा समूह ने रिलायंस से मिलाया हाथ, कंपनी ने की पुष्टि
क्या है खबर?
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए महिंद्रा समूह ने रिलायंस समूह के जिओ-BP साथ हाथ मिला लिया है। महिंद्रा ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एक प्रेस रिलीज में महिंद्रा ने कहा है कि दोनों समूहों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तहत उनका लक्ष्य अच्छे प्रदर्शन वाली स्वैपेबल बैटरी के साथ भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) अपनाने में तेजी लाना होगा।
आइये, जानते हैं इस बारे में क्या कुछ पता चला है।
जानकारी
इलेक्ट्रिक सेगमेंट में खुद को मजबूत करना चाहती है महिंद्रा
समझौते के अनुसार, दोपहिया, तिपहिया, पैसेंजर वाहन और कमर्शियल वाहन सहित महिंद्रा के सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग सॉल्यूशंस के लिए जिओ-BP मदद करेगी। इसमें महिंद्रा ग्रुप के कैप्टिव फ्लीट और लास्ट माइल मोबिलिटी वाहन भी शामिल होंगे।
इस सहयोग के साथ महिंद्रा भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक सेगमेंट में खुद को मजबूत बनाने की योजना बना रही है।
बता दें कि वर्तमान में महिंद्रा की केवल एक इलेक्ट्रिक कार बिक्री के लिए उपलब्ध है।
निवेश
EV पर 3,000 करोड़ रुपये निवेश कर रही महिंद्रा
महिंद्रा ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए नई योजना को पेश किया है। इसके तहत कंपनी EV पर 3,000 करोड़ रुपये निवेश करने वाली है।
दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट के विस्तार के लिए महिंद्रा इसे निजी निवेशकों के लिए भी खोल रही है और साथ ही कृषि उपकरण के बिजनेस में भी 10,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई जा रही है।
अपकमिंग कार
2027 तक 16 इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च कर सकती है महिंद्रा
2027 तक कंपनी 16 नई इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च करने का विचार कर रही है, जिनमें से आठ इलेक्ट्रिक SUVs और आठ कमर्शियल वाहन शामिल होंगे।
कंपनी के मौजूदा पोर्टफोलियो से चार SUVs को EV के रूप में लाया जा सकता है। इनमें महिंद्रा थार, XUV300, XUV700 और स्कॉर्पियो के सभी मॉडल्स हो सकते हैं। वहीं, बाकी के चार मॉडल्स पूरी तरह से नए इलेक्ट्रिक SUVs होंगे।
हालांकि, कमर्शियल गाड़ियों की कोई भी जानकारी अभी तक सामने नहीं आयी है।
लक्ष्य
क्या है महिंद्रा का लक्ष्य?
वर्तमान में उपभोक्ताओं की बढ़ती दिलचस्पी के बावजूद भारत में कम ही इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होती है। इसका मुख्य कारण बैटरी में लगने वाली अधिक लागत और देश में चार्जिंग बुनियादी ढांचे की कमी है।
महिंद्रा को उम्मीद है कि 2027 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल बिक्री का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा कंपनी का होगा और जिओ-BP के साथ साझेदारी उस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।