महिंद्रा भारत में बचा सकती है फॉक्सवैगन का परिचालन, घाटा झेल रही जर्मन कंपनी
क्या है खबर?
अमेरिकी कार निर्माता फोर्ड मोटर्स के जाने के बाद अब एक और विदेशी कंपनी भारतीय बाजार से अपना कारोबार समेट सकती है।
फॉक्सवैगन भी दूसरी कंपनी का सहयोग नहीं मिलने पर ऐसा कर सकती है। भारत में टिके रहने के लिए वह स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया (SAVWIPL) में अपनी हिस्सेदारी बेचने का विचार कर रही है।
कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि महिंद्रा एंड महिंद्रा जर्मन कंपनी से साझेदारी कर उसे बचा सकती है।
पुष्टि
कंपनी तलाश कर रही एक सही साझेदार
स्कोडा ऑटो के CEO क्लॉस जेल्मर ने पुष्टि की है कि फॉक्सवैगन समूह SAVWIPL में अपनी हिस्सेदारी बेचने की संभावना तलाश रहा है।
उन्होंने खुलासा किया कि कंपनी एक सच्ची साझेदारी की तलाश कर रही है, जो बिना की अनुबंध के गठबंधन कर सके।
इसका उद्देश्य एक ऐसा भागीदार ढूंढना है, जो इंजीनियरिंग, बिक्री और खरीद क्षमता में योगदान दे सके। पिछले सहयोगों के कारण महिंद्रा एंड महिंद्रा एक संभावित उम्मीदवार के रूप में उभर कर सामने आई है।
कारण
इस कारण हो रहा कंपनी को घाटा
फॉक्सवैगन समूह भारतीय बाजार में 2 अरब डॉलर (करीब 16,600 करोड़ रुपये) का निवेश कर चुकी है। इसके बावजूद उसे नुकसान झेलना पड़ रहा है।
यहां विफलता का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों की ज्यादा कीमत है। प्रीमियम कीमत फॉक्सवैगन और स्कोडा की कारों को कुछ लोगों तक ही सीमित कर देती है।
वैश्विक मानकों के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता के कारण वाहनों में ओवर-इंजीनियरिंग मिलती है, जिससे इनकी लागत दूसरी कंपनियों की तुलना में ज्यादा रहती है।