कैसा रहा किआ और MG मोटर के लिए साल 2021? देखें इनकी सेल्स रिपोर्ट
क्या है खबर?
चार पहिया वाहनों की दो दिग्गज कंपनियां MG मोटर और किआ इंडिया ने अपनी सेल्स रिपोर्ट जारी कर दी है।
साल 2021 दोनों ही कंपनियों के लिया काफी अच्छा रहा। MG मोटर को 2021 में जहां 43 प्रतिशत की बढ़त मिली, वहीं, किआ इंडिया की बिक्री में 2020 की तुलना में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
वहीं, सालाना आधार पर दिसंबर में इनकी बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है।
तो आइए पूरी जानकारी नीचे देखें।
बिक्री
साल 2021 दोनों कंपनियों के लिए रहा अच्छा
पूरे साल की गई बिक्री की बात करें तो MG मोटर ने 2021 में कुल 40,273 यूनिट्स की बिक्री की, जो साल 2020 में 28,162 यूनिट की थी। इस तरह कंपनी को पूरे साल भर में 43 प्रतिशत की बढ़त मिली।
दूसरी तरफ किआ इंडिया की बात करें तो अपने जबरदस्त मॉडल्स के दम पर किआ ने 2021 में 30 प्रतिशत अधिक वाहन बेचें। किआ ने बीते साल 1,81,583 यूनिट्स की बिक्री की, जो 2020 में 1,40,505 यूनिट्स थी।
सेल्स रिपोर्ट
कैसी रही सालाना आधार पर बिक्री?
दिसंबर MG मोटर के कार बाजार के लिए काफी ठंडा रहा। 2021 के दिसंबर में कंपनी ने कुल 2,497 यूनिट्स वाहनों की बिक्री की है, जो साल 2020 में 4,010 यूनिट्स थी, इससे कंपनी की बिक्री में 37.73 प्रतिशत की जबरदस्त गिरावट आई है।
वहीं, किआ इंडिया की कुल बिक्री 7,797 यूनिट्स की थी, जो 2020 में इस दौरान 11,818 यूनिट्स थी।
इस तरह किआ की बिक्री सालाना आधार पर 34.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ रही।
मासिक बिक्री
मासिक आधार पर किआ को 45 प्रतिशत का नुकसान
महीने-दर-महीने की जाने वाली बिक्री के आंकड़े भी इन दोनों कंपनियों के लिए कुछ खास नहीं रहे।
किआ ने दिसंबर, 2021 में कुल 7,797 यूनिट्स की बिक्री की, जो नवंबर, 2021 में 14,214 यूनिट्स थी। इस तरह साल के अंतिम महीने में किआ को जबरदस्त 45.15 प्रतिशत कमी का धक्का लगा।
वहीं, MG मोटर को भी दिसंबर में कुछ खास बिक्री मुनाफा नहीं हुआ। महज 0.64 प्रतिशत की बढ़त के साथ MG ने दिसंबर में केवल 11 यूनिट्स अतिरिक्त बेची।
बयान
अचानक आए कारकों ने कम की मांग- MG प्रबंध निदेशक
MG मोटर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव चाबा ने कहा, "साल 2021 पूरे ऑटो उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण था। हम देखते हैं कि कुछ अचानक आए कारकों जैसे ओमिक्रॉन का खतरा, वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की कमी और इनपुट लागत में वृद्धि के कारण कीमतों में हुए इजाफा के करण मांग में कमी हुई। हालांकि, कारों के प्रति रुझान हमें आशावादी बने रहने का एक कारण देते हैं।"