देश में 2026 तक होगी चार लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों की जरूरत- रिपोर्ट
क्या है खबर?
हाल ही में आई ग्रांट थॉर्नटन भारत-FICCI की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 तक भारत की सड़कों पर चलने वाले 20 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए लगभग चार लाख चार्जिंग स्टेशनों की जरूरत होगी।
मौजूदा स्थिति से इसकी तुलना करें तो सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के अनुसार, मार्च 2021 तक भारत में लगभग 16,200 इलेक्ट्रिक कारों के लिए सिर्फ 1,800 चार्जिंग स्टेशन हैं।
EV सेल
वैश्विक बाजार में बढ़ी है इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग
EV निर्माताओं ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों को ग्राहकों तक आसानी से पहुंचाने के लिए लाखों रुपये खर्च किए हैं।
शोध में पता चला है कि 2020 में जीरो-एमिशन BEV की वैश्विक बिक्री 2019 की तुलना में 39% बढ़कर 31 लाख यूनिट हो गई है। दूसरी ओर कुल यात्री कार बाजार में 14% की गिरावट आई है।
हालांकि, कोरोना महामारी की वजह से ग्राहक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता भी देने लगे हैं।
जागरूकता
पर्यावरण के प्रति जागरूक हुए हैं लोग
रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के बाद लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हुए हैं और स्वस्थ रहने, स्वच्छ हवा में सांस लेने और अगली पीढ़ी के लिए एक बेहतर, अधिक लचीली दुनिया बनाने के लिए उत्सुक हैं।
ग्रांट थॉर्नटन के पार्टनर साकेत मेहरा ने कहा, "साल 2020 ने एक सहयोगी और विश्व स्तर पर एकीकृत प्रयास के रूप में भूमिका निभाई है। जिससे विद्युतीकरण और इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के अवसर का निर्माण भी हुआ है।"
जानकारी
भारत में EV की कम लागत के लिए दिए गए ये सुझाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि EV इंफ्रास्ट्रक्चर में EV, चार्जिंग स्टेशन, बैटरी की नई टेक्नॉलजी और इलेक्ट्रिक बाजार सभी एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। इसलिए आधे से अधिक शेयरधारकों ने इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरण (EVSE) को भारत में लगाए जाने और CSR के रूप में EV चार्जिंग में डिस्कॉम की भागीदारी की सिफारिश की है।
इसके परिणामस्वरूप भारत में EV लागत को कम करने के लिए सरल डिजाइन और पार्टनरशिप जैसे सुझाव दिये गये हैं।
जानकारी
भारत ने भी EV के प्रोत्साहन के लिए बढ़ाई है सब्सिडी दर
भारत में EV को प्रोत्साहन देने के लिए FAME-II स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी को बढ़ाने का फैसला किया गया है।
इसमें इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी इंसेन्टिव को 10,000 रुपये प्रति kWh से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति kWh कर दिया गया है।
वहीं, FAME-II स्कीम में इलेक्ट्रिक बसों और तीन-पहिया वाहनों को शामिल किया गया है, जिसमें इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स की लागत को कम करने के लिए EESL तीन लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों की मांग करेगा।