हुंडई ने 82,000 इलेक्ट्रिक कारों को बुलाया वापस, अरबों की लागत वाली सबसे महंगी रिकॉल
क्या है खबर?
दक्षिण कोरियाई ऑटो कंपनी हुंडई ने दुनियाभर से अपनी 82,000 इलेक्ट्रिक कारों को वापस (रिकॉल) बुलाया है।
कंपनी को इस रिकॉल की लागत अरबों रुपये आएगी, जिस कारण यह अब तक की सबसे मंहगी रिकॉल बन गई है।
इससे पहले भी कई कंपनियों ने बड़े स्तर पर अपनी कारों को वापस बुलाया है, लेकिन हुंडई जितनी लागत अभी तक किसी कंपनी को नहीं आई।
हुंडई इन वाहनों को वापस बुलाकर इनकी जांच करेगी और इनमें बदलाव करेगी।
जानकारी
कितना होगा खर्च?
जानकारी के लिए बता दें कि हुंडई द्वारा वापस बुलाई गई इन इलेक्ट्रिक कारों को ठीक करने की लागत लगभग 67 अरब रुपये आ सकती है।
यदि प्रत्येक कार पर होने वाले खर्च को देखें तो एक इलेक्ट्रिक कार को ठीक करने के लिए कंपनी को लगभग आठ लाख रुपये खर्च करने होंगे।
कंपनी की कोना और आयनिक आदि इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी में कुछ कमियां होने के कारण आग लगने का खतरा है इसलिए इन्हें वापस बुलाया गया है।
हानि
अभी तक किसी यात्री को नहीं हुआ नुकसान
हुंडई की इन इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी में कुछ तकनीकी खराबियां देखने को मिल रही हैं। इस कारण शॉर्ट सर्किट होने की अधिक संभावनाएं हैं।
हालांकि, अभी तक ऐसे हादसे से किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
हुंडई की कोना इलेक्ट्रिक कार में बैटरी खराबी के कारण आग लगने के सबसे अधिक मामले आए हैं।
जानकारी के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में ऐसे 11 मामले और कनाडा, फिनलैंड के साथ ऑस्ट्रेलिया में एक-एक मामले सामने आए हैं।
रिकॉल
रिकॉल में शामिल है कोरिया के 27,000 वाहन
CNN बिजनेस के अनुसार कंपनी ने कहा कि कारों में आग लगने की जांच करने में पता चला कि उनमें लगी LG की बैटरी में कमी होने के कारण बैटरी सेल में शॉर्ट सर्किट होने से ऐसा हुआ है।
बता दें कि हुंडई की सभी इलेक्ट्रिक कारों में LG की बनाई हुईं बैटरियों का उपयोग किया जाता है।
कंपनी की इस रिकॉल में कोरिया के 27,000 वाहन और 55,000 अन्य देशों की कारें हैं।
भुगतान
कौन सी कंपनी करेगी भुगतान?
हुंडई ने कहा कि LG एनर्जी सॉल्यूशंस के साथ बातचीत कर यह फैसला करना अभी बाकी है कि रिकॉल की लागत का भुगतान कौन सी कंपनी करेगी।
कोरियाई परिवहन मंत्रालय ने अपने बयान में गलत बैटरी सेल के चलते आग लगने की समस्याओं के लिए LG को जिम्मेदार ठहराया है।
हालांकि, LG ने आग लगने की इस समस्या से मान लिया और परिवहन मंत्रालय की जांच में सहयोग करने की बात कही है।
रिकॉल
पोर्शे ने किया रिकॉल में हुंडई से अधिक खर्च
किसी भी इलेक्ट्रिक कार की बैटरी पैक को बदलने में लगभग उतना ही खर्चा होता है, जितना किसी कार के इंजन को बदलने में आता है।
इससे पहले 2014 में पोर्श 911 GT3 स्पोर्ट्स कारों में कमी आने पर उन्हें वापस बुलाया गया था।
खबरों के अनुसार, इसमें भी प्रत्येक कार को ठीक करने में काफी खर्चा हुआ, जो हुंडई द्वारा इस रिकॉल के खर्चे से भी ज्यादा था। हालांकि, पोर्शे ने लागत की जानकारी नहीं दी थी।
रिकॉल लागत
रिकॉल की सटीक लागत का कंपनी नहीं करती खुलासा
हुंडई द्वारा इस रिकॉल में प्रति कार पर खर्च होने वाली रकम कम नहीं है।
हालांकि, अभी कंपनी की ओर से प्रति कार पर होने वाले खर्चे की जानकारी नहीं दी गई है क्योंकि अधिकांश कंपनियां अपनी रिकॉल की लागत का खुलासा नहीं करती।
इसका कारण है कि इलेक्ट्रिक वाहन की तुलना में सड़क पर बहुत अधिक तेल से चलने वाली कारें हैं और उनके रिकॉल की कुल लागत इनसे अधिक हो सकती है।
जनरल मोटर्स
जनरल मोटर्स ने भी रिकॉल में किया था काफी खर्च
उदाहरण के लिए हाल ही में जनरल मोटर्स ने तकाता एयरबैग्स को बदलने के लिए लगभग 88 अरब रुपये खर्चे थे, लेकिन इस कुल लागत में 70 लाख वाहन शामिल थे।
इसका मतलब प्रति वाहन पर लागत हुंडई की इस रिकॉल में होने वाले प्रति वाहन पर खर्च से बहुत कम है।
यह रिकॉल इस ओर इशारा कर रहा है कि इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी इतनी महंगी होने के कारण उनकी कीमत अधिक होती है।
जानकारी
अन्य कंपनी की कारों में भी आ चुकी यह समस्या
हुंडई की इलेक्ट्रिक कारों में आगे लगने की समस्या से पहले जनरल मोटर्स ने इलेक्ट्रिक कार शेवरले बोल्ट की बैटरी में आग लगने के कारण उन्हें वापस बुलाया था। टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी में भी आगे लगने की समस्या पहले आ चुकी हैं।