#NewsBytesExpainer: क्या होती हैं हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ियां और ये कैसे काम करती हैं?
इन दिनों भारत में हाइब्रिड गाड़ियों का चलन तेज है। लग्जरी कार निर्माता वोल्वो से लेकर देश की जानी-मानी कंपनी मारुति सुजुकी तक अपनी हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च कर रही हैं। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, हाइब्रिड कार दो तरह के पावरट्रेन का मिश्रण है, जिसे एक साथ इस्तेमाल किया जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि असल में हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक कार क्या होती है और यह कैसे काम करती है? आइए जानते हैं इसके बारे में।
क्या होती है हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक कार?
हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ियों दो तरह के पावरट्रेन से मिलकर बनी होती हैं। इसमें एक सामान्य ईंधन वाला इंजन होता है और दूसरी बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक मोटर होती है। इस तरह इन कारों को एक समय पर पेट्रोल या डीजल और दूसरे समय में इलेक्ट्रिक कार की तरह चलाया जा सकता है। भारत में अभी जो हाइब्रिड कारें मौजूद हैं वो लिक्विड फ्यूल के तौर पर पेट्रोल का इस्तेमाल करती हैं।
हाइब्रिड गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले मुख्य कलपुर्जे
हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ियों में ये कलपुर्जे मिलते हैं- बैटरी: हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ियों में पावरफुल बैटरी लगी होती है, जो कार को स्टार्ट करने के लिए ऊर्जा प्रदान करती है। साथ ही यह इलेक्ट्रिक मोटर को भी पावर देती है। इलेक्ट्रिक मोटर- इलेक्ट्रिक मोटर की मदद से हाइब्रिड गाड़ियों को EV मोड पर चलाया जाता है। DC कन्वर्टर- इन गाड़ियों में DC कन्वर्टर भी लगा होता है, जो गाड़ी में इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग इलेक्ट्रिक पार्ट्स को जरूरत के अनुसार पावर देता है।
बेहद जरूरी हैं हाइब्रिड गाड़ियों के ये पार्ट्स
इलेक्ट्रिक जनरेटर- हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ियों में एक जनरेटर लगा होता है, जो चलती गाड़ी से इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करता है। इसकी मदद से बैटरी को चार्ज किया जाता है। पावर इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलर- इसे जनरेटर के साथ जोड़ा जाता है और यह जनरेशन द्वारा पैदा होने वाली पावर को गाड़ी के सभी पार्ट्स तक लेकर जाता है। इसके अलावा एक हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ी में पेट्रोल या डीजल गाड़ियों में मिलने वाली सभी पार्ट्स जैसे- इंजन, एयर फ़िल्टर, एग्जॉस्ट सिस्टम और फ्यूल टैंक मिलते हैं।
कैसे काम करती है हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ियां?
हाइब्रिड गाड़ियों को पेट्रोल या इलेक्ट्रिक दोनों मोड पर चलाया जा सकता है। हालांकि, इलेक्ट्रिक कारों की तरह इसे चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि इसकी बैटरी कार के ईंधन से चलने पर खुद ही चार्ज हो जाती है। साथ ही इसमें मिलने वाली इलेक्ट्रिक मोटर एक्स्ट्रा पावर के रूप में छोटे इंजन की तरह काम करती है। इस तरह बैटरी कार के रुकने पर पावर देकर इंजन को पूरी तरह बंद होने से बचाती है।
ये हैं हाइब्रिड कार के फायदे
हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बड़ा फायदा है कि दो तरह के फ्यूल पावर की वजह से इनकी ड्राइविंग रेंज बढ़ जाती है। यह फ्यूल कार के मुकाबले पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाती है, साथ ही इलेक्ट्रिक होने के नाते इसमें टैक्स बेनेफिट भी मिलते हैं।
क्या ये पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों से बेहतर हैं?
अगर पेट्रोल यानी कंबशन इंजन और हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक इंजन की तुलना की जाए तो इसमें कोई शक नहीं कि एक हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक इंजन में आपको ज्यादा किफायती राइड मिलेगी। पेट्रोल की तुलना में हाइब्रिड गाड़ियों में रनिंग कॉस्ट भी कम होता है। इसका खास कारण यह है कि इनमें इलेक्ट्रिक मोटर मिलती है। इस तरह इसमें पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का ज्यादा असर नहीं पड़ता। हालांकि, इसकी मरम्मत के लिए पेट्रोल-इंजन कारों की तुलना में कम विकल्प हैं।
साधारण पेट्रोल गाड़ियों से महंगी होती हैं हाइब्रिड गाड़ियां
अगर कीमत की बात की जाए तो हाइब्रिड गाड़ियों में इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी जैसे कई अतिरिक्त पार्ट्स लगे होते हैं और इन्हे बनाने में अधिक लागत आती है। इस वजह से साधारण पेट्रोल या डीजल गाड़ियों की तुलना में इनकी कीमतें अधिक होती हैं। इसके अलावा हाइब्रिड गाड़ियों में इलेक्ट्रिक पार्ट्स लगे होते हैं और समय-समय पर इन पार्ट्स की सर्विस भी करवानी पड़ती है। इसलिए इन्हे अधिक देखभाल की भी जरूरत होती है।
वर्तमान में देश में उपलब्ध हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक गाड़ियां
अगर आप भी इन दिनों एक हाइब्रिड कार खरीदना चाहते हैं तो आपके पास कई गाड़ियों का विकल्प मौजूद है। इनमें MG हेक्टर, टोयोटा ग्लैंजा, लेक्सस ES, वोल्वो XC90, BMW 7 सीरीज, होंडा सिटी हाइब्रिड और पोर्शे जैसी कारें भारत में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। देश में सबसे अधिक मारुति सुजुकी की हाइब्रिड गाड़ियों की बिक्री होती है। कंपनी की ग्रैंड विटारा, अर्टिगा और ब्रेजा जैसी गाड़ियां की सबसे अधिक मांग है।