टाटा मोटर्स देश में बेच चुकी है 50 लाख से अधिक गाड़ियां, जानिए कंपनी का इतिहास
टाटा मोटर्स आज देश-दुनिया की बड़ी कंपनियों में से एक है। यह मुकाम हासिल करने के लिये कंपनी कई चुनौतियों से गुजरी है। देश की आजादी से पहले स्थापित हुई यह कंपनी आज देश को दूसरी बड़ी कार कंपनी बन चुकी है। दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसे देशों में आज टाटा की 76 सहयोगी कंपनियां हैं। यह कंपनी 1868 में जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित टाटा समूह का हिस्सा है। 1991 में इसकी कमान रतन टाटा ने संभाली।
1945 से कारोबार कर रही टाटा
टाटा कंपनी की शुरुआत 1945 में टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (TELCO) की स्थापना के साथ हुई। 1954 में एक साझेदारी के तहत टाटा और मर्सिडीज-बेंज ने अपना कमर्शियल व्हीकल भारत में लॉन्च किया था। साल 1969 में दोनों कंपनियों के बीच की यह साझेदारी खत्म हो गई। इसके बाद 1986 में टाटा ने अपना पहला कमर्शियल व्हीकल टाटा 407 लॉन्च किया, जिसका नाम कई सालों तक लोगों की जुबान पर रहा।
टाटा सूमो बनी कंपनी की बेस्ट सेलिंग गाड़ी
भारत में 7-सीटर गाड़ी को लोग अधिक पसंद करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए टाटा ने 1994 में सूमो लॉन्च की ताकि ज्यादा लोग एक साथ घूमने जा सकें। कंपनी ने इसे केवल 18 महीनों में तैयार किया था। महिंद्रा बोलेरो के आने तक यह इस सेगमेंट में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार थी। बता दें कि इसका नाम टाटा मोटर्स के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्ट सुमंत मूलगांवकर के नाम पर रखा गया था।
1991 में कंपनी ने लॉन्च की थी पहली SUV
टाटा मोटर्स ने साल 1988 में अपना पहला पिकअप ट्रक 'टाटा मोबाइल' लॉन्च किया। यह टाटा 407 के बाद एक लाइट कमर्शियल व्हीकल था। इसके बाद साल 1991 में रतन टाटा ने देश की पहली SUV सिएरा लॉन्च की। लोगों ने इस SUV को खूब पसंद किया। इंजीनियरिंग से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक सिएरा को पूरी तरह देश में ही तैयार किया गया था। इस कारण उन दिनों यह कार हर तरफ चर्चा का विषय थी।
टाटा की इन गाड़ियों को भी काफी पसंद किया गया
साल 1998 में लॉन्च हुई टाटा की 5-सीटर कार इंडिका को भी लोगों ने खूब पसंद किया। 1998 में ही कंपनी ने अपनी आइकॉनिक और सबसे पावरफुल SUV सफारी को भी लॉन्च किया। इसका डिजाइन ऐसा था कि लोग इसे देखने दूर-दूर से आया करते थे। दो दशक पुराने इस डिजाइन की चर्चा आज भी होती है। गौरतलब है कि टाटा आज भी सफारी की बिक्री करती है। हालांकि, अब इस कार के डिजाइन में काफी बदलाव आ चुका है।
टाटा ने लॉन्च की थी सबसे सस्ती कार
2008 में टाटा मोटर्स ने भारतीय बाजार में अपनी सबसे सस्ती और रतन टाटा की ड्रीम प्रोजेक्ट कार टाटा नैनो को लॉन्च किया था। इस कार से रतन टाटा का लक्ष्य था कि मात्र एक लाख रुपये में हर तबके के व्यक्ति के पास एक कार उपलब्ध हो। हालांकि, टाटा का यह प्रोजेक्ट फेल साबित हुआ क्योंकि नैनो को बाजार में अनुमानित ग्राहक नहीं मिले। इसे लोगों ने लखटकिया नाम दिया, जिसका मतलब था एक लाख रुपये की कार।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों के क्षेत्र में सबसे आगे है टाटा
देश की दिग्गज कंपनी टाटा आज पेट्रोल और डीजल इंजन (IEC) वाहनों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बिक्री भी करती है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के मामले में टाटा मोटर्स सबसे आगे है। 2019 में आई टाटा नेक्सन को खूब पसंद किया जाता है। पिछले साल कंपनी ने इस गाड़ी का मैक्स वेरिएंट भी लॉन्च किया था। कंपनी अपनी टिगोर और टियागो को भी इलेक्ट्रिक वेरिएंट में लॉन्च कर चुकी है।
वर्तमान में इन गाड़ियों की बिक्री करती है कंपनी
वर्तमान में कंपनी की टाटा नेक्सन एक बेहतरीन SUV है। इसकी खूब बिक्री होती है। नेक्सन के अलावा कंपनी टाटा पंच, हैरियर और सफारी जैसी SUVs की बिक्री करती है। वहीं हैचबैक सेगमेंट में कंपनी की टियागो और अल्ट्रोज कार मौजूद हैं। कंपनी टिगोर और जेस्ट जैसी सेडान गाड़ियों की भी बिक्री करती है। वर्तमान में कंपनी सिएरा और कर्व SUV पर काम कर रही है। टाटा अपनी CNG लाइनअप का भी विस्तार करेगी।
देश में 50 लाख से भी अधिक गाड़ियां बेच चुकी है टाटा
कंपनी ने वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही में 3,043 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है। वहीं पिछले वित्त 2021-22 की इसी तिमाही में 1,451 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी ने 3 मार्च, 2023 को भारत में 50 लाख से ज़्यादा यूनिट्स की बिक्री कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। कंपनी ने 2004 तक 10 लाख, 2010 तक 20 लाख, 2015 तक 30 लाख और 2020 तक 40 लाख यूनिट्स की बिक्री की थी।