
#NewsBytesExplainer: भारत NCAP क्रैश टेस्ट क्या है और यह ग्लोबल NCAP से कैसे अलग?
क्या है खबर?
पिछले हफ्ते केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत न्यू कार असिस्टेंस प्रोग्राम (BNCAP) को लॉन्च किया, जिसे 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा।
इस पहल के साथ ही अमेरिका, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाद भारत क्रैश टेस्ट प्रोग्राम पेश करने वाला दुनिया का 5वां देश बन गया है।
आइये जानते हैं कि भारत NCAP क्रैश टेस्ट क्या है और यह ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट से कैसे अलग है।
भारत NCAP
भारत NCAP क्रैश टेस्ट क्या है?
गाड़ियों की सुरक्षा की जांच के लिए कंपनियां क्रैश टेस्ट रेंटिंग का सहारा लेती हैं। इस वजह से भारत में वाहनों की सुरक्षा जांच के लिए भारत NCAP क्रैश टेस्ट लॉन्च किया गया है।
यह ग्लोबल NCAP और यूरोपियन NCAP प्रोग्राम की तरह ही है। इसमें आठ-सीटर तक की गाड़ियों को हिस्सा लेना होगा। इसके अलावा सभी 3.5 टन से कम वजन वाली गाड़ियां इस क्रैश टेस्ट में हिस्सा ले सकेंगी।
क्रैश टेस्ट
AIS-197 क्रैश टेस्टिंग मानदंडों के अनुसार बना है भारत NCAP
भारत NCAP क्रैश टेस्ट को AIS-197 क्रैश टेस्टिंग मानदंडों के अनुसार डिजाइन किया गया है।
इस प्रोग्राम को ग्लोबल NCAP, सड़क मंत्रालय, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT) और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) और इंटरनेशनल सेंटर जैसी टेस्ट एजेंसियों की विशेषज्ञ टीम ने साथ मिलकर बनाया है।
यह देश का पहला और अपना कार क्रैश टेस्ट प्रोग्राम है, जिसके आधार पर देश में उपलब्ध गाड़ियों को सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी।
हिस्सा
क्या सभी गाड़ियों लेंगी भारत NCAP क्रैश टेस्ट में हिस्सा?
भारत NCAP प्रोग्राम देश में उपलब्ध सभी गाड़ियों के लिए जरूरी नहीं है। इसके तहत भारत में गाड़ियां बनाने और दूसरे देशों से गाड़ियां आयात करने वाली कंपनियों को स्वेच्छा से वाहनों का क्रैश टेस्ट करवाना होगा।
यह प्रोग्राम वाहन निर्माताओं को सेफ्टी टेस्टिंग असेस्मेंट प्रोग्राम में खुद से भाग लेने और कार के विभिन्न सुरक्षा मानदंडों को परखने में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
इस प्रोग्राम के तहत CNG गाड़ियां भी टेस्ट में हिस्सा ले सकेंगी।
रेटिंग
स्टार रेटिंग के जरिए किया जाएगा मूल्यांकन
आपको बता दें कि भारत NCAP के तहत क्रैश टेस्ट में भाग लेने वाली गाड़ियों को 1 से 5 स्टार के बीच रेटिंग दी जाएगी। ऐसा ही ग्लोबल NCAP और यूरोपियन NCAP प्रोग्राम में होता है।
भारत NCAP क्रैश टेस्ट के जरिये पैदल चलने वालों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने पर अधिक जोर रहेगा।
इसके तहत कार की संरचनात्मक सुरक्षा, व्यस्क लोगों की सुरक्षा और बच्चे की सुरक्षा जैसे विभिन्न मानकों के आधार पर टेस्टिंग की जाएगी।
काम
5 चरण में काम करेगा भारत NCAP क्रैश टेस्ट प्रोग्राम
भारत NCAP क्रैश टेस्ट 5 चरण में काम करेगा।
1- पहले कार कंपनी को एक मॉडल नामांकित करना होगा।
2- फिर भारत NCAP के प्रतिनिधि कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट या डीलर आउटलेट से किसी भी बेस मॉडल का चुनाव करेंगे।
3- इसके बाद भारत NCAP क्रैश टेस्ट करेगा।
4- गाड़ियों की क्रैश टेस्ट रेटिंग को कार बनाने वाली कंपनी के साथ साझा किया जाएगा।
5- अंत में भारत NCAP टेस्ट के हिसाब से गाड़ी को सर्टिफिकेट मिलेगा।
रेटिंग
5-स्टार रेटिंग के लिए हैं ये मानदंड
भारत NCAP सुरक्षा रेटिंग को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
पहला एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP), जिसमें 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग पाने के लिए गाड़ी को कम से कम 27 अंक प्राप्त करने होंगे। दूसरा चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP), जिसमें 5-स्टार रेटिंग पाने के लिए गाड़ी को 41 अंक प्राप्त करने होंगे।
बता दें कि जिन गाड़ियों को 3-स्टार या उससे अधिक रेटिंग मिलेगी, उन वाहनों का साइड पोल टेस्ट भी किया जाएगा।
अलग
ग्लोबल NCAP पर आधारित है भारत NCAP
भारत NCAP क्रैश टेस्ट के स्टैंडर्ड मानक काफी हद तक ग्लोबल NCAP प्रोग्राम के समान ही है।
ग्लोबल NCAP की तरह ही इसमें भाग लेने वाली गाड़ियों इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, सीट बेल्ट रिमाइंडर, एयरबैग जैसे सेफ्टी फीचर्स होना अनिवार्य है।
इसमें सभी गाड़ियों का फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट और साइड इम्पैक्ट टेस्ट क्रमशः 64 किमी/घंटा और 50 किमी/घंटा की स्पीड से होगा। यह स्पीड भी ग्लोबल NCAP प्रोग्राम के समान है।
टेस्टिंग
ग्लोबल NCAP से कैसे अलग है भारत NCAP?
ग्लोबल NCAP में केवल ICE गाड़ियों, जबकि भारत NCAP प्रोग्राम में ICE, इलेक्ट्रिक और CNG गाड़ियों की टेस्टिंग होगी।
ग्लोबल NCAP एडल्ट और चाइल्ड रेटिंग अलग-अलग देती है, जबकि भारत NCAP में इन्हे मिलकर एक कम्बाइन रेटिंग दी जाएगी।
GNCAP में 5-स्टार रेटिंग के लिए AOP में 34 अंक और COP में 48 अंक प्राप्त करने होते हैं। हालांकि, भारत NCAP क्रैश टेस्ट में 5-स्टार रेटिंग के लिए AOP में 27 अंक और COP में 41 अंक की आवश्यकता होगी।
जानकारी
कार कंपनियों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
महिंद्रा, टोयोटा, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, स्कोडा और किआ मोटर्स जैसी कार कंपनियां पहले ही भारत NCAP का समर्थन कर चुकी हैं। उनका मानना है कि सरकार की इस पहल से देश में अधिक सुरक्षित कारों के उत्पादन में प्रोत्साहन मिलेगा।