दिल्ली: पेट्रोल पंप पर EV चार्जिंग स्टेशन लगाना होगा सस्ता, लाइसेंस शुल्क हुआ कम
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। DDA द्वारा स्वीकृत इस प्रस्ताव के तहत अब दिल्ली में पेट्रोल और CNG पंपों पर EV चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए लाइसेंस शुल्क को कम कर दिया गया है। यह कदम दिल्ली की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या को बढ़ाने के लिये उठाया गया है।
इस कदम से EVs की संख्या बढ़ने की है उम्मीद
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में दिल्ली के कुल वाहनों की बिक्री संख्या का लगभग 10 प्रतिशत EVs के रूप में दर्ज किया गया है। राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच बढ़ाने और मौजूदा बुनियादी ढांचे को सुधार कर उपयोग में आसान बनाने से लंबे समय लिये प्रदूषण पर अंकुश लगााने में मदद मिलेगी। विभाग को उम्मीद है कि अधिक EV चार्जिंग स्टेशनों के होने से शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ सकेगी।
दिल्ली विकास प्राधिकरण का बयान
इस निर्णय पर DDA ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा, "वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने और वायु प्रदूषण के खतरे से लड़ने के लिए प्राधिकरण ने आज पेट्रोल-डीजल और CNG पंप के लिए DDA की आवंटित साइटों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ-साथ अब इन ईंधन पंप पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग मशीनें लगाने के लिये लगने वाले लाइसेंस शुल्क को भी कम कर दिया गया है।"
कितना लगेगा अब लाइसेंस शुल्क?
DDA के अनुसार, इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद पेट्रोल पंप पर ऐसे EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क 53 लाख रुपये और CNG स्टेशनों पर लगाने के लिए 46.11 लाख रुपये होगा। इसके अलावा जिन स्टेशनों पर पेट्रोल और डीजल के साथ-साथ CNG की भी बिक्री होती है, उनके लिए यह लाइसेंस शुल्क 43.46 लाख रुपये से 47.70 लाख रुपये के बीच हो सकता है।
बिक्री में CNG वाहनों से आगे हैं इलेक्ट्रिक वाहन
देश के मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे अन्य प्रमुख मेट्रो शहरों की तुलना में दिल्ली में EVs की संख्या अधिक है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले कहा था कि उम्मीद है यहां इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी। राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री ने इस साल CNG वाहनों को पीछे छोड़ दिया है। साल के पहले सात महीनों के भीतर यहां 29,845 EVs की बिक्री हो चुकी है।