गाड़ी में जल रही है चेक इंजन लाइट तो हो सकती हैं ये खराबियां
क्या है खबर?
कार निर्माता अपनी गाड़ियों में कई ऐसे फीचर देती हैं, जिनसे आपको इसमें खराबी का आसानी से पता चल जाता है।
इन्हीं में से एक चेक इंजन लाइट है, जिसे मालफंक्शन इंडिकेटर लाइट (MIL) भी कहा जाता है। यह लाइट ढीली फ्यूल कैप से लेकर खराब स्पार्क प्लग की डैशबोर्ड पर वार्निंग देने लगती है।
इसकी अनदेखी कई बार महंगे मेंटेनेंस के रूप में आपकी जेब पर भारी पड़ता है।
आइये जानते हैं चेक इंजन लाइट कब-कब वार्निंग देती है।
सेंसर
सेंसर में खराबी से भी जलने लगती है चेक इंजन लाइट
कार के अलग-अलग पार्ट्स में लगा सेंसर इसके इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU) को जानकारी भेजता है। इससे ECU को पता चलता है कि कार के सभी पार्ट ठीक तरह से काम कर रहे हैं।
अगर, सेंसर खराब हो जाए तो वह ECU को सिग्नल नहीं भेज पाएगा और ऐसे में कार चेक इंजन लाइट को जलाकर खराबी का संकेत देती है।
कैटेलिटिक कनवर्टर, मास एयरफ्लो सेंसर और ऑक्सीजन सेंसर में खराबी के कारण चेक इंजन लाइट वार्निंग दे सकती है।
फ्यूल टैंक कैप
फ्यूल टैंक का ढीला और खुला कैप से भी जलती है लाइट
ढीला या खुला पेट्रोल कैप के कारण भी गाड़ी में चेक इंजन लाइट खराबी का संकेत देने लगती है। क्योंकि, इससे भी माइलेज कम और उत्सर्जन बढ़ सकता है।
इसके अलावा, मालफंक्शन इंडिकेटर लाइट स्पार्क प्लग/वायर में खराबी, एयर मास सेंसर का फेल होना, वैक्यूम लीक, डेड बैटरी, मैप सेंसर, क्रैंक सेंसर और फ्यूल रेल सेंसर में खराबी का भी संकेत देती है।
चेक इंजन लाइट जलने पर तुरंत अपनी कार को मैकेनिक के पास ले जानी चाहिए।