स्क्रैपेज पॉलिसी: पुराने वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की फीस बढ़ी, 20 गुना तक इजाफा
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि 15 साल से पुराने वाहनों का फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए वाहनों के मालिकों को अधिक फीस का भुगतान करना होगा। इसका मतलब है कि फिर से रजिस्ट्रेशन कराने की फीस को बढ़ा दिया गया है। यह इस साल बजट के दौरान घोषित की गई नई स्क्रैपेज पॉलिसी का ही हिस्सा है। आइये, इसके बारे में विस्तार से जानें।
क्या है नई स्क्रैपेज पॉलिसी?
नई स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत 20 साल पुराने निजी वाहनों का और 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों का उपयोग बंद किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के 18 मार्च को संसद में इस पॉलिसी के बारे में विस्तार में बताते हुए कहा कि भारत में 20 साल के अधिक पुराने वाहनों की संख्या 51 लाख, और 15 साल से पुराने वाहनों की संख्या 34 लाख है। इन वाहनों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है।
20 गुना तक बढ़ी रजिस्ट्रेशन फीस
जानकारी के लिए बता दें कि निजी वाहनों का रजिस्ट्रेशन 15 साल के लिए मान्य होता है। उसके बाद वाहनों का फिटनेस टेस्ट होता है और इसे पास करने वाले वाहन का फिर अगले पांच सालों के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है। अब निजी वाहनों का फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उनके मालिकों को पहले से आठ गुना अधिक फीस का भुगतान करना होगा। कमर्शियल वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 20 गुना अधिक फीस देनी होगी।
क्या है इसका उद्देश्य और कब से लागू होगी नई फीस?
सरकार का वाहनों की लिए फिर से रजिस्ट्रेशन कराने की फीस बढ़ाने का मकसद लोगों को पुराने वाहनों का उपयोग करने के लिए हतोत्साहित करना है ताकि लोग अधिक पुराने वाहनों का उपयोग करना बंद कर दें। यह 15 साल पुराने वाहनों के मालिकों के लिए आर्थिक रूप से भी ठीक रहेगा। अधिक फीस देकर पांच साल के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन कराने से सही नई कार खरीदना होगा। बता दें नई रजिस्ट्रेशन फीस अक्टूबर, 2021 से लागू हो जाएगी।
अब देनी होगी इतनी रजिस्ट्रेशन फीस?
अब पुरानी बाइक्स का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लोगों को 300 रुपये की जगह 1,000 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं, कार और जीप के लिए 500 रुपये की जगह 5,000 रुपये फीस देनी होगी। इसके अलावा आयात किए गए वाहनों का फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लोगों को 40,000 रुपये फीस का भुगतान करना होगा। अभी इसके लिए 5,000 रुपये देने होते हैं। कमर्शियल वाहनों के लिए 1,500 की जगह 12,500 रुपये फीस देनी होगी।
15 साल पुराने सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा रिन्यू
पुराने वाहनों का फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए फीस में इजाफा करने से पहले सरकार सरकारी विभागों के 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं कराने का प्रस्ताव रख चुकी है। इसके लिए जारी ड्राफ्ट अधिसूचना में कहा गया है कि सरकारी विभाग जैसे केंद्रीय और राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSUs) और नगरपालिका के 15 साल पुराने वाहनों के लिए यह नियम लागू होगा। इसे 1 अप्रैल, 2022 से लागू किया जाएगा।
पुराने वाहनों को नष्ट करने वाले ग्राहकों को मिलेगी छूट
अभी कुछ दिनों पहले ही नितिन गडकरी ने बताया था कि स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत ऑटो कंपनियां उन ग्राहकों को 5 प्रतिशत की छूट देंगी, जो अपनी पुरानी कारों को नष्ट करेंगे। इससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की बिक्री में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। पुराने वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं तो उनका कम उपयोग होने से पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने में भी मदद मिलेगी। बता दें कि पुराने वाहन फिट वाहनों की अपेक्षा 10-12 गुना अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।