
वियतनाम में बच्चे पैदा करने पर जोर, घटते जन्मदर के कारण 2 बच्चे की नीति खत्म
क्या है खबर?
वियतनाम ने जन्मदर घटने से परेशान होकर अपनी दशकों पुरानी 2 बच्चों की नीति को खत्म कर दिया है। अब देश में बच्चे पैदा करने पर जोर है।
वियतनाम मीडिया ने बुधवार को बताया कि हनोई में नेशनल असेंबली की स्थायी समिति ने इस बदलाव को मंजूरी दी है, जिसके साथ ही दंपति अब यह तय करने के लिए स्वतंत्र हैं कि वे कितने बच्चे चाहते हैं।
बता दें, वियतनाम में प्रजनन दर लगातार तीसरे वर्ष काफी नीचे आई है।
जन्मदर
वियतनाम में जन्मदर पर कितना पड़ा असर?
वियतनाम स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कुल प्रजनन दर पिछले वर्ष घटकर प्रति महिला मात्र 1.91 बच्चे रह गई है, जो प्रतिस्थापन स्तर से भी नीचे है और चिंताजनक है।
वियतनाम की कुल प्रजनन दर 2021 में 2.11 थी, जो 2022 में घटकर 2.01 हो गई। इसके बाद 2023 में और घटकर 1.96 पर चली गई।
दिसंबर 2023 में प्रति महिला 1.91 बच्चों का रिकॉर्ड निचला स्तर दर्ज किया गया, जबकि स्थिर जनसंख्या के लिए 2.1 दर आवश्यक है।
कारण
बड़े शहरों में ज्यादा तेजी से घट रही जन्मदर
मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो वियतनाम की राजधानी हनोई और हो ची मिन्ह सिटी जैसे प्रमुख शहरों और आर्थिक रूप से उन्नत क्षेत्रों में जन्मदर में ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही है।
इसका कारण वहां जीवन-यापन में कठिनाई, रहने की लागत बढ़ने, आवास की कमी और करियर का दबाव बड़े परिवारों को हतोत्साहित कर रहे हैं।
इसके अलावा भारत की तरह वियतनाम में भी लड़कों को प्राथमिकता देने से लैंगिक असंतुलन की समस्या बढ़ रही है।
कानून
वियतनाम ने 1988 में शुरू की थी दो बच्चों की नीति
एशियाई देश वियतनाम ने वर्ष 1988 में दो बच्चों से अधिक पैदा करने पर रोक लगाई थी, जिसका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि रोकना था। हालांकि, देश ने 1963 से लोगों को प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया था।
1988 में वियतनाम की कुल प्रजनन दर प्रति महिला चार बच्चों से अधिक हो गई थी, जिसके कारण इसका सख्ती से पालन हुआ।
नीति का पालन न करने पर नागरिकों को वित्तीय दंड, कम बोनस, सरकारी सुविधाओं से दूरी, नौकरी से बर्खास्त किया गया।
जानकारी
चीन ने 2021 में हटाई थी 2 बच्चों की नीति
चीन ने 1979 में एक-बच्चा नीति लागू की थी, लेकिन जनसंख्या में कमी और बुजुर्ग आबादी बढ़ने के कारण 2016 में दो-बच्चा नीति कर दिया। बाद में 2021 में इसे बदलकर 3 बच्चा नीति कर दिया। हांगकांग और ईरान ने भी यह नीति हटाई है।