वुहान लैब: महामारी से पहले कोरोना जैसे लक्षणों से अस्पताल में भर्ती हुए थे तीन कर्मचारी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत से ठीक पहले नवंबर, 2019 में कोरोना वायरस पर रिसर्च करने वाले चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) के तीन शोधकर्ता गंभीर रूप से बीमार हुए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
इन शोधकर्ताओं को कोरोना वायरस और इंफ्लुएंजा जैसे लक्षणों के कारण भर्ती कराना पड़ा था। अमेरिकी अखबार 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' के अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट के हवाले से ये बात कही है।
फैक्ट शीट
ट्रंप प्रशासन ने भी जारी की थी फैक्ट शीट
रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक अप्रकाशित इस खुफिया रिपोर्ट में डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में जारी की गई एक फैक्ट शीट से आगे बढ़कर और विस्तार से तथ्य बताए गए हैं।
15 जनवरी को जारी की गई इस फैक्ट सीट में कहा गया था कि वुहान लैब के कई कर्मचारी 2019 के शरद में कोविड-19 और मौसमी बीमारी दोनों जैसे लक्षणो से बीमार हुए थे। इस शीट में कर्मचारियों की संख्या नहीं दी गई थी।
समय
वायरस की उत्पत्ति पर WHO की बैठक से पहले आई रिपोर्ट
वॉल स्ट्रीट की ये रिपोर्ट ऐसे समय पर सामने आई है जब आज ही कोविड-19 की उत्पत्ति पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की महत्वपूर्ण बैठक होनी है।
इससे पहले वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए चीन गया WHO का पैनल इसके लैब से लीक होने की संभावनाओं को लगभग खारिज कर चुका है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वायरस किसी तीसरे जानवर के जरिए चमगादड़ से इंसान में आया है।
रिपोर्ट
हालिया समय में लैब लीक की थ्योरीज को मिला है नया जन्म
वॉल स्ट्रीट की ये रिपोर्ट कोरोना वायरस के वुहान लैब से लीक होने की थ्योरीज को भी मजबूती देती है। महामारी की शुरूआत में ही खारिज की जा चुकी इन थ्योरीज को हाल ही में 'द बुलेटिन' में प्रकाशित एक रिपोर्ट से नया जन्म मिला है।
इस रिपोर्ट में वायरस की बनावट से लैब लीक के सवालों को जल्दबाजी में दबाने के प्रयासों तक के आधार पर कहा गया है कि इसके लैब निर्मित होने की संभावना ज्यादा है।
मांग
चारों तरफ से उठ रही लैब लीक थ्योरी की गंभीरता से जांच की मांग
इस रिपोर्ट के बाद से कई वैज्ञानिक समूह वुहान लैब से कोरोना वायरस के लीक होने के सवालों की गंभीरता से जांच की मांग कर चुके हैं। अमेरिका ने भी कहा है कि जितनी भी संभावित और विश्वसनीय संभावनाएं हैं, उनकी WHO और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा जांच की जानी चाहिए।
वहीं चीन ने लैब लीक की थ्योरीज को खारिज किया है और अमेरिका पर इन्हें बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
महामारी
दुनियाभर में क्या है महामारी की स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 16.69 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 34.59 लाख लोगों की मौत हुई है।
सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 3.31 करोड़ लोग संक्रमितों में लगभग 5.90 लाख लोगों की मौत हुई है।
भारत में 2.68 करोड़ संक्रमित पाए गए हैं और 3.03 लाख की मौत हुई है।
तीसरे सबसे अधिक प्रभावित देश ब्राजील में 1.60 करोड़ संक्रमितों में से लगभग 4.49 लाख मरीजों की मौत हुई है।