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कोविड: गंभीर बीमारी का खतरा दोगुना करने वाले जीन की खोज, 27 प्रतिशत भारतीयों में मौजूद
वैज्ञानिकों ने कोविड से गंभीर बीमारी के खतरे को दोगुना करने वाले जीन का पता लगाया

कोविड: गंभीर बीमारी का खतरा दोगुना करने वाले जीन की खोज, 27 प्रतिशत भारतीयों में मौजूद

Jan 14, 2022
05:11 pm

क्या है खबर?

पोलैंड के वैज्ञानिक एक ऐसे जीन का पता लगाने में कामयाब रहे हैं जो कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार करने के खतरे को दोगुना कर देता है। पिछले काफी समय से वैज्ञानिक इस तरह के जीन की पहचान करने की कोशिश कर रहे थे और इससे ऐसे लोगों की पहचान करने में मदद मिल सकती है जिनके ऊपर कोविड से गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा है। उनके बचाव के लिए समय से कदम उठाए जा सकेंगे।

शोध

बियालिस्टोक मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने लगाया जीन का पता

पोलैंड की बियालिस्टोक मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस जीन का पता लगाया है। पोलैंड के स्वास्थ्य मंत्री ने इस बड़ी सफलता का ऐलान करते हुए कहा, "डेढ़ साल से ज्यादा की मेहनत के बाद बीमारी की गंभीरता को बढ़ाने वाले इस जीन की पहचान संभव हो पाई है।" उन्होंने कहा कि इस खोज का मतलब है कि भविष्य में ऐसे लोगों की पहचान की जा सकेगी जिन पर कोविड से गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा है।

शोध

भारत की 27 प्रतिशत आबादी में पाया जाता है जीन

शोध के अनुसार, ये जीन आयु, वजन और लिंग के बाद कोविड बीमारी की गंभीरता तय करने वाला चौथा सबसे महत्वपूर्ण कारक है। शोध के इनचार्ज प्रोफेसर मार्किन मोनुउस्ज्को ने बताया कि ये जीन पोलैंड की 14 प्रतिशत आबादी में पाया जाता है, वहीं पूरे यूरोप की 8-9 प्रतिशत आबादी में ये पाया जाता है। भारत की बात करें तो यहां 27 प्रतिशत आबादी में ये जीन पाया जाता है जो एक अच्छी खबर नहीं है।

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अन्य स्टडी

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने भी की थी खतरा बढ़ाने वाले जीन की पहचान

बता दें कि अन्य स्टडीज में भी कोविड के कारण व्यक्ति कितना बीमार होता है, इसमें जेनेटिक कारकों के योगदान की बात सामने आई है। नवंबर में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कहा था कि उन्होंने एक ऐसे जीन की पहचान कर ली है जो कोविड से फेफड़ों के फेल होने के खतरे को दोगुना कर देता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे जेनेटिक कारकों की पहचान करके खतरे वाले लोगों को वैक्सीन लगा कर सुरक्षित किया जा सकता है।

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महामारी

दुनिया में क्या है महामारी की स्थिति?

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक 32.06 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 55.23 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 6.41 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8.46 लाख लोगों की मौत हुई है। दूसरे सबसे अधिक प्रभावित देश भारत में 3.66 करोड़ में से 4.85 लाख और तीसरे सबसे अधिक प्रभावित देश ब्राजील में 2.28 करोड़ संक्रमितों में से 6.21 लाख मरीजों की मौत हुई है।

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