आतंकवाद के खिलाफ समर्थन का वादा, लेकिन पाकिस्तान पर मौन रहे सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान
क्या है खबर?
सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान भारत दौरे पर हैं।
पुलवामा हमले की पृष्ठभूमि में सबकी नजर राजकुमार और प्रधानमंत्री मोदी के साधा वार्ता पर थी।
वार्ता के बाद जारी साझा बयान में सऊदी अरब ने आतंकवाद के मोर्चे पर भारत की मदद की बात तो कही, लेकिन पाकिस्तान और पुलवामा का जिक्र नहीं किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जरूर अपने बयान में पुलवामा हमले का जिक्र किया।
सऊदी राजकुमार भारत से पहले पाकिस्तान होकर आ रहे हैं।
सऊदी अरब
सऊदी अरब भारत के साथ साझा करेगा खुफिया जानकारियां
वार्ता के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी भारत के राजनीतिक सहयोग के लिए तैयार है।
आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "चरमपंथ और आतंकवाद दोनों देशों के लिए समान चिंता है और हम भारत से कहना चाहते हैं कि इस मुद्दे पर हम खुफिया जानकारी साझा करने से लेकर हर तरीके से भारत का सहयोग करने को तैयार हैं।"
परन्तु उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान और पुलवामा हमले का कोई जिक्र नहीं किया।
मोहम्मद बिन सलमान
भारत के पड़ोसियों की भी करेंगे मदद
अपने बयान में सऊदी राजकुमार ने यह भी कहा कि वह भारत के साथ उसके पड़ोसी देशों की भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में मदद करेंगे।
साफ है कि खुद को आतंकवाद का पीड़ित बताते रहे पाकिस्तान को सऊदी अरब अपना सहयोग जारी रखेगा।
बता दें कि हाल ही में अपने पाकिस्तानी दौरे पर सऊदी राजकुमार सलमान ने पाकिस्तान की खूब तारीफ की थी और वहां 20 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने किया पुलवामा हमले का जिक्र
सऊदी राजकुमार से अलग प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, "पिछले हफ्ते पुलवामा में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला दुनिया के सामने खड़े मानवता विरोधी खतरे की एक और क्रूर निशानी है।"
उन्होंने आगे कहा, "इस खतरे से निपटने के लिए जरूरी है कि हम इस बात पर सहमत हो कि आतंकवाद को समर्थन कर रहे देशों पर हर तरीके का दबाव डालने की जरूरत है।"
समझौता
वार्ता में हुए 5 समझौते
प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान का दिल खोल कर स्वागत किया था और उन्हें लेने खुद एयरपोर्ट गए थे। उन्होंने बिन सलमान को गले भी लगाया।
ऐसे में पुलवामा हमले और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर कुछ ना बोलने से भारतीय पक्ष को निराशा जरूर हुई होगी।
बता दें कि वार्ता में दोनों देशों के बीच निवेश, पर्यटन, हाउसिंग कॉर्पोरेशन और सूचना एवं प्रसारण के क्षेत्र में 5 अहम समझौते हुए।