
नाइजीरिया: बोको हराम के आतंकियों ने गांव पर हमला कर की 60 लोगों की हत्या
क्या है खबर?
नाइजीरिया में बोको हराम के आतंकियों ने बोर्नो राज्य के एक गांव पर हमला कर 60 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। यह गांव आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के लिए बंद शिविर से लौटे निवासियों का घर था। बोर्नो राज्य के राज्यपाल बाबागाना ज़ुलुम ने इस हमले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बामा स्थानीय सरकारी क्षेत्र में दारुल जमाल पर यह हमला शुक्रवार देर रात किया गया था। इससे लोगों में दहशत फैली हुई है।
कहर
आतंकियों ने जलाए एक दर्जन से ज्यादा घर
बामा की स्थानीय सरकार के अध्यक्ष मोडू गुज्जा ने बताया कि आतंकियों ने एक दर्जन से ज्यादा घर जला दिए। इससे 100 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटी स्टडीज में बोको हराम पर विशेषज्ञता रखने वाले शोधकर्ता ताइवो अदेबायो ने दारुल जमाल के स्थानीय निवासियों से बात की और कहा कि शुक्रवार रात की हत्याएं बोको हराम के एक गुट जमातु अहलिस सुन्ना लिद्दावती वल-जिहाद (JAS) ने की हैं।
अपील
राज्यपाल ने लोगों से की गांव न छोड़ने की अपील
राज्यपाल बाबागाना ने शनिवार को हमलाग्रस्त इलाके का दौरा किया। उन्होंने कहा, "हमें लोगों से सहानुभूति है और हमने उनसे अपने घरों को न छोड़ने की अपील की है क्योंकि हमने सुरक्षा बढ़ाने और उनके लिए भोजन और अन्य जीवन रक्षक वस्तुए उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है।" उन्होंने कहा, "यह हमला इलाके में हुए अब तक हमलों में सबसे भीषण हमला रहा है। इससे शिविरों से लौटे लोगों में अपनी जान बचाने की चिंता बढ़ गई है।"
कारण
हमले के पीछे क्या है कारण?
अदेबायो ने बताया कि JAS आतंकी समूह का मानना है कि गांव के लोग प्रतिद्वंद्वी गुटों या सेना की मदद करते हैं। ऐसे में उन्होंने हमला कर उनकी हत्या कर दी। चरमपंथी समूह बोको हराम, इस्लामी कानून के एक कट्टर संस्करण को लागू करने के लिए 2009 से विद्रोह कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस संघर्ष में लगभग 35,000 नागरिक मारे गए हैं। इसी तरह नाइजीरिया और पड़ोसी देशों में 20 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।
विभाजन
बोको हराम का हुआ विभाजन
2021 में अपने लंबे समय के नेता अबु बकर शेकाऊ की मौत के बाद बोको हराम 2 गुटों में बंट गया। पहले समूह को इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रोविंस (ISWAP) के नाम से जाना जाता है और उसे इस्लामिक स्टेट समूह का समर्थन प्राप्त है। यह समूह मुख्य रूप से सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाता है। दूसरा समूह JAS है, जो नागरिकों पर क्रूर हमले करता रहता है और अक्सर हत्याओं, लूटपाट और अपहरण का सहारा लेता है।