सैन्य अभ्यास के दौरान ईरान ने अपने ही जहाज पर दागी मिसाइल, 19 सैनिकों की मौत
ओमान की खाड़ी में सैन्य अभ्यास के दौरान ईरान ने अपने ही जहाज पर मिसाइल दाग दी जिसमें 19 सैनिकों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हुए हैं। घटना रविवार को जस्क बंदरगाह के पास हुई जो देश की राजधानी ईरान से 1,270 किलोमीटर दूर है। ईरानी सेना के मुताबिक, सैन्य अभ्यास के दौरान जहाज मिसाइल के लक्ष्य के बेहद नजदीक आ गया था, जिसके कारण ये दुर्घटना हुई।
जस्क और चाबाहार में हुआ हादसा
ईरानी सेना ने अपने बयान में बताया, "'रविवार दोपहर जस्क और चाबाहार में नौसेना के जहाजों के सैन्य अभ्यास के दौरान एक एक मिसाइल कोणार्क जहाज से जा टकराई। टारगेट प्रैक्टिस के दौरान जहाज़ मिसाइल के संपर्क में आया क्योंकि इस दौरान टारगेट और जहाज के बीच की दूरी का ध्यान नहीं रखा गया था।" सेना ने मरने वालों की संख्या 19 बताई है, वहीं ईरान की समाचार एजेंसी 'अनादोलु' ने मरने वालों की संख्या 20 से अधिक बताई है।
मिसाइल के लक्ष्य के बेहद नजदीक आ गया था जहाज
ईरान के 'रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स' में मौजूद सूत्रों का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी ने बताया है कि मानवीय गलती को इस दुर्घटना का कारण माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एंटी शिप मिसाइल के परीक्षण के दौरान सैन्य उपकरण ले जाने वाला कोणार्क जहाज मिसाइल के लक्ष्य के पास आ गया और मिसाइल उससे जा टकराई। घटना के समय जहाज पर 40 नौसैनिक थे। मिसाइल को जामरान नामक युद्धपोत से छोड़ा गया था।
इलाके में नियमित तौर पर सैन्य अभ्यास करता है ईरान
ईरान स्टूडेंट्स न्यूज एजेंसी (ISNA) के अनुसार, दुर्घटना किन परिस्थितियों में हुई, इसकी जांच चल रही है। बता दें कि ईरान इलाके में नियमित तौर पर सैन्य अभ्यास करता है और फिलहाल अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच ईरान ओमान की खाड़ी में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर नौसैनिक अभ्यास कर रहा है। अमेरिका की नौसेना भी इन सैन्य अभ्यासों पर नजर रखती है। हालांकि इस दुर्घटना पर उनकी तरफ से कोई बयान नहीं आया है।
2018 में अपग्रेड किए गए थे कोणार्क जहाज
ईरान ने 1988 में नीदरलैंड से कोणार्क जहाज खरीदे थे और तभी से ये ईरानी नौसेना में तैनात हैं। 2018 में इन्हें अपग्रेड किया गया था जिसके बाद ये समुद्री मिसाइलों को ले जाने में भी सक्षम हो गए हैं। इस जहाज की लंबाई 47 मीटर होती है और इसकी क्षमता 40 टन है। आमतौर पर इस जहाज में 20 नौसैनिक तैनात रहते हैं। समुद्री इलाकों में गश्त के लिए भी ईरान इसका प्रयोग करता है।