
डोनाल्ड ट्रंप ने कम कर दिया पाकिस्तान और बांग्लादेश का टैरिफ, आखिर क्या है कारण?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जबकि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश का टैरिफ घटा दिया है। ट्रंप ने पिछली बार 2 अप्रैल को टैरिफ सूची जारी कर पाकिस्तान पर 29 प्रतिशत और बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। गुरुवार को नई टैरिफ सूची में पाकिस्तान को 10 प्रतिशत छूट देकर 19 प्रतिशत और बांग्लादेश को 17 प्रतिशत छूट देकर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।
दोस्ती
पाकिस्तान का टैरिफ घटाने का क्या है कारण?
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान अमेरिका के काफी करीब आ गया है। ट्रंप ने इसके संकेत पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को खाने पर बुलाकर दिए थे। पाकिस्तान के टैरिफ कम करने के प्रमुख कारणों में व्यापार समझौते की बड़ी भूमिका है, जिसमें ऊर्जा, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी और क्रिप्टोकरेंसी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का वादा है। पाकिस्तान ने अमेरिकी डिजिटल सेवाओं पर 5 प्रतिशत कर हटा दिया है। अमेरिका पाकिस्तान के तेल भंडारों के विकास में भी योगदान देगा।
राहत
बांग्लादेश को क्यों दी राहत?
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सत्ता पर काबिज हैं, जो अमेरिका, चीन, पाकिस्तान के काफी करीब हैं। यूनुस ने ट्रंप को पत्र लिखकर टैरिफ में 3 महीने की छूट मांगी थी और अमेरिकी निर्यात बढ़ाने के लिए उठाए कदमों का जिक्र किया था। बांग्लादेश ने अमेरिकी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के लिए बहु-वर्षीय आयात समझौता भी किया है। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था कपड़ा-जेनेरिक दवा निर्यात पर केंद्रित है, जो टैरिफ से प्रभावित होगी, लेकिन 17 प्रतिशत छूट से थोड़ी राहत मिलेगी।
छूट
इन देशों को भी ट्रंप ने राहत दी
ट्रंप ने कई देशों को पिछले बार के मुकाबले इस बार की टैरिफ सूची में काफी राहत दी है। इसका प्रमुख कारण द्विपक्षीय देशों में सकारात्मक व्यापार समझौता है। अमेरिका ने अंगोला का टैरिफ 32 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत, यूरोपीय संघ का 20-23 से घटाकर 15, जापान का 24-25 से घटाकर 15, वियतनाम का 46 से घटाकर 29, इंडोनेशिया का 32 से घाटकर 19, फिलीपींस का 20 से घटाकर 19, यूनाइटेड किंगडम का 10 प्रतिशत (छूट सहित) किया है।
नाराजगी
भारत से क्यों नाराज हैं ट्रंप?
ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाते हुए कहा कि भारत के टैरिफ दुनिया में सबसे अधिक हैं और इससे वह सहमत नहीं हैं। इसके अलावा उन्होंने रूस से तेल और हथियार खरीद पर भी नाराजगी जताई, जिसको उन्होंने यूक्रेन युद्ध बढ़ाने के लिए एक तरह से वित्तपोषण बताया। बुधवार को उन्होंने यहां तक कह दिया कि रूस और भारत क्या करते हैं, उससे उनको कोई मतलब नहीं है और उन्होंने दोनों देशों को 'मरी हुई अर्थव्यवस्था' बताया है।