डोनाल्ड ट्रंप अब भारतीय चावल पर लगा सकते हैं नया टैरिफ, ऐसे दिए संकेत
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जल्द ही भारतीय चावल और कनाडा के उर्वरक समेत अन्य कृषि आयातों पर नए टैरिफ लगाने के संकेत दिए हैं। सोमवार को व्हाइट हाउस में एक बैठक के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि आयात घरेलू किसानों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने की अपनी मंशा दोहराई। उन्होंने अमेरिकी किसानों को 12 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की, जिसका वित्तपोषण टैरिफ राजस्व से होगा।
चिंता
भारत द्वारा चावल की डंपिंग पर ट्रंप नाराज
बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप को उन देशों की सूची दी गई जो अमेरिका में चावल डंप कर रहे हैं, जिसका आरोप भारत, थाईलैंड और चीन पर है। ट्रंप ने वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से पूछा कि भारत ऐसा क्यों कर रहा है? उन्हें टैरिफ देना पड़ता है, क्या उन्हें चावल पर छूट है? बेसेंट ने कहा कि हम व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं, इसलिए अभी ऐसा नहीं है। ट्रंप ने कहा कि भारत को डंपिंग नहीं करनी चाहिए।
ट्विटर पोस्ट
ट्रंप और वित्त मंत्री की बातचीत
#WATCH | US President Donald Trump asks the United States Secretary of the Treasury, Scott Bessent, "Why is India allowed to do that ("dumping rice into the US")? They have to pay tariffs. Do they have an exemption on rice?"
— ANI (@ANI) December 8, 2025
United States Secretary of the Treasury, Scott Bessent… pic.twitter.com/75tKFYt37G
टैरिफ
टैरिफ समस्या को हल करेगा- ट्रंप
बैठक में ट्रंप ने बताया कि केनेडी राइस मिल्स, 4 सिस्टर्स राइस की संस्थापक और चावल कारोबारी मेरिल कैनेडी ने चावल की गिरती कीमतों के बारे में जानकारी दी है। इस दौरान ट्रंप को बताया गया कि अमेरिकी खुदरा चावल बाजार में दो सबसे बड़े ब्रांड भारतीय कंपनियों के पास हैं, तो ट्रंप ने कहा, "ठीक है, हम इसका ध्यान रखेंगे।" उन्होंने कहा कि यह बहुत आसान है...टैरिफ फिर से, समस्या को 2 मिनट में हल कर देगा।
व्यापार
कैसा है अमेरिका और भारत का चावल व्यापार?
पिछले 10 सालों में भारत-अमेरिका कृषि व्यापार का विस्तार हुआ है। अभी भारत बासमती, अन्य चावल उत्पाद, मसाले और समुद्री उत्पाद निर्यात करता है और अमेरिका से बादाम, कपास और दालें आयात करता है। हाल में सब्सिडी, बाजार पहुंच और विश्व व्यापार संगठन की चावल-चीनी से जुड़ी शिकायतों ने समय-समय पर द्विपक्षीय वार्ताओं को तनावपूर्ण बना दिया है। अभी भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा है और इस बीच 10-11 दिसंबर को अमेरिकी टीम व्यापार वार्ता के लिए दिल्ली आएगी।