वैज्ञानिकों ने दावा- हवा के जरिए भी फैलता है कोरोना वायरस, नियमों में बदलाव करे WHO
क्या है खबर?
सैकड़ों वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को पत्र लिखकर हवा के जरिए कोरोना वायरस फैलने का दावा किया है और WHO से उसके नियमों में बदलाव करने को कहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सांस के जरिए शरीर के अंदर दाखिल होने वाले कोरोना वायरस के छोटे कण व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि वे अगले हफ्ते एक वैज्ञानिक पत्रिका में अपने इस दावे के सबूत प्रकाशित करेंगे।
पृष्ठभूमि
कोरोना वायरस के हवा के जरिए फैलने पर वैज्ञानिकों में सहमति नहीं
बता दें कि कोरोना वायरस हवा के जरिए फैल सकता है या नहीं, इसे लेकर काफी विवाद है। ज्यादातर वैज्ञानिकों का मानना है कि ये केवल संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने के दौरान निकलने वाली थूक की छोटी बूंदों के जरिए ही फैलता है।
WHO की गाइडलाइंस में भी कहा गया है कि कोरोना वायरस मुख्य तौर पर खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाली थूक की छोटी बूंदों के जरिए एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है।
पत्र
23 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने लिखा WHO को पत्र
अब 23 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने WHO को पत्र लिखकर इन नियमों में बदलाव करने की अपील की है। 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने अपने पत्र में कोरोना वायरस के बेहद छोटे कणों के जरिए फैलने और इससे लोगों के संक्रमित होने के सबूत पेश किए हैं।
उन्होंने कहा है कि छींकने पर निकलने वाली थूक की बड़ी बूंदें हो या छोटी सांस की बूदें, दोनों के जरिए कोरोना फैलता है और संक्रमित कर सकता है।
प्रतिक्रिया
WHO ने कहा- हवा के जरिए कोरोना वायरस फैलने के ठोस सबूत नहीं
इधर WHO ने कहा है कि हवा के जरिए कोरोना वायरस फैलने के सबूत ठोस नहीं है और वह पहले भी इस बात को कह चुका है।
WHO की संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण टीम के तकनीक प्रमुख डॉ बेनडेटा एलेग्रांजी ने NYT से कहा, "पिछले दो महीनों में हम कई बार कह चुके हैं कि हम हवा के जरिए संक्रमण फैलने को संभव मानते हैं, लेकिन इसके पक्ष में ठोस और स्पष्ट सबूत नहीं हैं।"
अन्य रिसर्च
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कही थी सांस लेने या बोलने से कोरोना फैलने की बात
बता दें कि इससे पहले अमेरिकी वैज्ञानिक भी सांस लेने या बोलने से भी कोरोना वायरस फैलने की बात कह चुके हैं। एक रिसर्च में ये बात सामने आई थी, हालांकि ये रिसर्च अभी पूरी नहीं हुई है।
इस रिसर्च के बाद ही अमेरिका में मास्क पहनना अनिवार्य किया गया था।
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कोरोना ऐरोसोल (सांस छोड़ने के दौरान बनने वाले बेहद हल्की नमी) के जरिए भी फैलता है, तो संक्रमण को रोकना बेहद मुश्किल होगा।
कोरोना वायरस का प्रकोप
दुनियाभर में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
पूरी दुनिया में अब तक 1.14 करोड़ लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है और 5.33 लाख लोगों की मौत हुई है।
सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका में अब तक 28.88 लाख मामले सामने आए हैं और लगभग 1.30 लाख लोगों की मौत हुई है। वहीं ब्राजील में 16.03 लाख मामले सामने आए हैं और 64,867 लोगों की मौत हुई है।
तीसरे नंबर पर काबिज भारत में 6,97,413 मामले सामने आए हैं और 19,693 की मौत हुई है।