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खालिस्तानी संगठन ने वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास को घेरने की धमकी दी, क्या है कारण?
खालिस्तानी संगठन वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास का घेराव करेगा (फाइल तस्वीर)

खालिस्तानी संगठन ने वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास को घेरने की धमकी दी, क्या है कारण?

लेखन गजेंद्र
Sep 17, 2025
09:14 am

क्या है खबर?

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध सुधरने के बीच खालिस्तीनी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' ने वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास को घेरने की धमकी दी है। प्रतिबंधित संगठन ने कहा है कि वह 18 सितंबर गुरुवार को भारतीय वाणिज्य दूतावास पर कब्जा कर लेगा और विरोध प्रदर्शन करेगा। संगठन ने एक पोस्टर भी जारी किया, जिसमें ओटावा में भारत के उच्चायुक्त दिनेश पटनायक को निशाना बनाते हुए दिखाया गया है।

चेतावनी

दूतावास आना चाह रहे लोगों को भी चेतावनी दी

संगठन ने न केवल दूतावास घेराव की धमकी दी, बल्कि दूतावास आने वाले भारतीय और कनाडा के नागरिकों को भी 18 सितंबर को कार्यालय से दूर रहने को कहा है। संगठन का कहना है कि घेराबंदी के जरिए समूह तथाकथित कनाडाई धरती पर जासूसी और धमकी के लिए जवाबदेही की मांग करेगा। अभी तक भारत में विदेश मंत्रालय या वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से संगठन की धमकी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

कारण

क्यों कर रहे घेराव?

संगठन पिछले दिनों आई कनाडा सरकार की एक आंतरिक रिपोर्ट से चिढ़ा हुआ है, जिसमें स्वीकार किया गया है कि चरमपंथी खालिस्तानी संगठन को कनाडा में व्यक्तियों और नेटवर्कों से वित्तीय सहायता मिल रही है। इस रिपोर्ट के जरिए संगठन ने दूतावास पर खालिस्तानियों को निशाना बनाकर जासूसी नेटवर्क चलाने और निगरानी करने का आरोप लगाया है। खालिस्तानी संगठन ने बयान में कहा कि हरदीप सिंह निज्जर हत्या में भारतीय एजेंटों की भूमिका की जांच के बावजूद जासूसी-निगरानी जारी है।

रिपोर्ट

कनाडा की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

कनाडाई रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद (PMVE) श्रेणी में आने वाले आपराधिक संहिता में सूचीबद्ध कई आतंकवादी संगठनों को कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों ने कनाडा से वित्तीय सहायता लेते हुए देखा है। इन संगठनों में हमास, हिजबुल्लाह और बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, खालिस्तानी चरमपंथी समूह पंजाब में एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं।