बांग्लादेश: भगवा झंडा लहराने पर 18 हिंदुओं पर देशद्रोह का मुकदमा, 2 गिरफ्तार
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अंतरिम सरकार की नाराजगी एक मामला सामने आया है। यहां भगवा झंडा फहराने पर 18 हिंदुओं के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 15 से 20 अज्ञात लोगों को शामिल किया गया है, जिसमें नाम जोड़ने की गुंजाइश है। आरोपियों में पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी भी शामिल हैं। घटना को लेकर अल्पसंख्यकों में नाराजगी दिख रही है।
क्यों दर्ज किया गया मुकदमा?
25 अक्टूबर को चटगांव में हिंदू संगठनों ने अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर एक विशाल रैली निकाली थी। मांगों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए एक न्यायाधिकरण का गठन, अल्पसंख्यक सुरक्षा पर एक कानून लाना और अल्पसंख्यकों के लिए एक मंत्रालय की स्थापना करना शामिल है। चिन्मय कृष्ण का कहना है कि बांग्लादेश के एक वर्ग ने मांगों को अवामी लीग और भारत सरकार द्वारा समर्थित मांग के रूप में पेश किया है।
चिन्मय कृष्ण ने भगवा झंडों की सच्चाई बताई
चिन्मय कृष्ण ने सनातनी संगठनों का भगवा झंडे लगाने से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने बताया कि भगवा झंडा फहराने की घटना लाल दीघी विरोध स्थल से 2 किमी दूर हुई थी। उन्होंने बताया कि वह किसी भी तरह से इस मामले से जुड़े नहीं है और घटना के समय वहां मौजूद नहीं थे। बता दें, चटगांव का पुंडरीक धाम बांग्लादेश में हिंदुओं के 2 सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से है और चिन्मय सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता भी हैं।
सरकार के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा?
इंडिया टुडे के मुताबिक, बांग्लादेश के एक विशेषज्ञ ने बताया कि बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के अधिकारियों की मंजूरी के बिना देशद्रोह का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में पुलिस स्टेशन का प्रभारी अधिकारी खुद आगे नहीं बढ़ सकता है। ऐसे में यह संभावना पूरी तरह प्रबल है कि मुकदमे अंतरिम सरकार के आदेश पर दर्ज हुए हैं। मुकदमा बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) के स्थानीय नेता फिरोज खान ने दर्ज कराया है।