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बांग्लादेश में तख्तापलट की वर्षगांठ पर शेख हसीना का खुला पत्र, यूनुस सरकार को असंवैधानिक बताया 
बांग्लादेश में तख्तापलट की पहली वर्षगांठ पर शेख हसीना ने खुला पत्र लिखा

बांग्लादेश में तख्तापलट की वर्षगांठ पर शेख हसीना का खुला पत्र, यूनुस सरकार को असंवैधानिक बताया 

लेखन गजेंद्र
Aug 05, 2025
02:11 pm

क्या है खबर?

बांग्लादेश में तख्तापलट के एक साल बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने देश की जनता के नाम खुला पत्र लिखा है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए आवामी लीग के अकाउंट से अपना पत्र साझा किया, जिसमें उन्होंने वर्तमान मोहम्मद यूनुस की सरकार को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने लिखा कि यह बांग्लादेश के इतिहास का काला क्षण था, जब जनता की इच्छा का अपमान, नागरिकों-राज्य के बीच विश्वास का विश्वासघात हुआ। उन्होंने कहा, "हमारे अच्छे दिन आना बाकी हैं।"

पत्र

शेख हसीना ने क्या लिखा?

हसीना ने पत्र में लिखा, "आज से एक वर्ष पहले, हमारे राष्ट्र ने कठिन संघर्षों से प्राप्त लोकतंत्र को हिंसक रूप से बाधित होते देखा, जब एक अनिर्वाचित शासन ने असंवैधानिक तरीकों से सत्ता हथिया ली। यह हमारे इतिहास का एक काला क्षण था, जनता की इच्छा का अपमान और नागरिकों और राज्य के बीच विश्वास का विश्वासघात। भले ही उन्होंने सत्ता हथिया ली, लेकिन वे हमारी भावना, संकल्प या भाग्य को कभी नहीं छीनेंगे। मैं इसका आश्वासन देती हूं।"

संघर्ष

हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है- हसीना

हसीना ने आगे लिखा, "बीते साल ने हमारी परीक्षा ली, लेकिन इसने हमारे लोगों और लोकतंत्र के मूल्यों के बीच के अटूट बंधन को भी उजागर किया। हमने कठिनाइयां झेली हैं, लेकिन उन कठिनाइयों में भी हमने एकता और उद्देश्य पाया। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि सत्ता जनता की होती है और कोई भी शासन किसी राष्ट्र की इच्छा को हमेशा के लिए दबा नहीं सकता। हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन हमारा उद्देश्य न्यायसंगत है।"

संकल्प

छीने हुए को फिर वापस पाएंगे- हसीना

हसीना ने लिखा, "हमें न्याय, आर्थिक अवसर, शिक्षा, शांति और एक ऐसे राष्ट्र के लिए खड़े रहना होगा, जहां कोई भी भय में न रहे। हम मिलकर जो टूटा है उसे फिर से बनाएंगे। हम मिलकर उन संस्थानों को पुनः प्राप्त करेंगे जो हमसे छीन लिए गए थे। और हम मिलकर एक नया अध्याय लिखेंगे, जो उत्पीड़न से नहीं, बल्कि आशा, प्रगति और स्वतंत्रता से परिभाषित होगा।"

वर्षगांठ

हमारे अच्छे दिन आना बाकी हैं- हसीना

हसीना ने आगे लिखा, "यह वर्षगांठ आत्मचिंतन का दिन न हो, बल्कि एक उज्जवल कल के लिए एक आह्वान हो। बांग्लादेश ने पहले भी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया है, और हम फिर से उठेंगे, और अधिक मजबूत, अधिक एकजुट, और एक ऐसे लोकतंत्र के निर्माण के लिए और अधिक दृढ़ संकल्पित होंगे जो वास्तव में अपने लोगों की सेवा करे। मुझे आप पर, बांग्लादेश पर विश्वास है। मेरा मानना है कि हमारे सबसे अच्छे दिन अभी आने बाकी हैं।"