युवक ने पिता का करोड़ों का कारोबार छोड़ माँजे बर्तन, आनंद महिंद्रा ने दिया ऑफ़र
कुछ लोगों के पास बहुत पैसा होता है और उनके बच्चों को कोई काम करने की ज़रूरत नहीं होती है। वहीं, कुछ लोग इतने स्वाभिमानी होते हैं कि पिता के पास करोड़ों की संपत्ति होते हुए भी अपनी एक अलग पहचान बनाने निकल पड़ते हैं। हाल ही में ख़ुद को साबित करने के लिए एक युवक ने अपने पिता का करोड़ों का कारोबार छोड़ दिया और बर्तन तक माँजे। अब उस युवक को आनंद महिंद्रा ने ऑफ़र दिया है। जानें।
होटल में धो रहा था युवक
जानकारी के अनुसार, गुजरात के कारोबारी पिता के करोड़ों रुपये के तेल के कारोबार को छोड़कर ख़ुद कमाने निकले द्वारकेश ठक्कर को महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अपनी कंपनी में इंटर्नशिप करने का ऑफ़र दिया है। ख़बरों के अनुसार, कुछ दिनों पहले द्वारकेश को शिमला के एक होटल में प्लेट धोते और पत्थर पर सोते हुए पाया गया था। उनकी खबर अख़बार में आने के बाद से ही लोग उनके स्वाभिमान की तारीफ़ कर रहे हैं।
आनंद महिंद्रा ने दिया महिंद्रा राइज़ में इंटर्नशिप का ऑफ़र
द्वारकेश की खबर अख़बार में छपने के बाद महिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा, 'मैं इस युवक का प्रशंसक हूँ। वह अपने दम पर आगे बढ़ना चाहता है। अभी ऐसा लगता है कि उसने सनक में घर छोड़ दिया, लेकिन भविष्य में वह एक कामयाब, आत्मनिर्भर उद्योगपति हो सकता है।' महिंद्रा ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, 'मैं अपनी कंपनी महिंद्रा राइज़ में युवक को इंटर्नशिप का ऑफ़र देकर बहुत खुश होऊँगा।'
आनंद महिंद्रा का ट्वीट
अभी भविष्य के बारे में नहीं किया है कोई फ़ैसला- द्वारकेश
द्वारकेश ने महिंद्रा के ऑफ़र पर कहा, "उन्होंने अभी भविष्य के बारे में कोई फ़ैसला नहीं किया है। महिंद्रा का ऑफ़र मेरे लिए एक बड़ा अवसर है। यदि महिंद्रा राइज़ कंपनी से किसी ने संपर्क किया, तो मैं निश्चित रूप से इसके बारे में सोचूँगा।"
1,250 रुपये लेकर द्वारकेश ने छोड़ा था घर- पिता
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि द्वारकेश के पिता राकेश ठक्कर ने कहा, "द्वारकेश का केवल एक सपना है, ख़ुद के प्रयासों से एक दिन बड़ा आदमी बनना।" उन्होंने अपने बेटे के बारे में आगे कहा, "द्वारकेश ने केवल 1,250 रुपये लेकर घर छोड़ा था। इसमें से उसने 1,070 रुपये टिकट पर और 20 रुपये पानी की बॉटल पर ख़र्च किए थे। बाक़ी के बचे हए 160 रुपये उसने मुझे लौटा दिए। उसके पास कुछ नहीं था।"
14 अक्टूबर को घर से कॉलेज के लिए निकले थे द्वारकेश
बता दें कि 14 अक्टूबर को पादरा के करोड़पति तेल कारोबारी राकेश के बेटे द्वारकेश अपने इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए घर से निकले थे। इसके बाद खुद को साबित करने के लिए वो कॉलेज जाने की बजाय वहाँ से शिमला चले गए। 15 अक्टूबर को उनके परिजनों ने पादरा पुलिस स्टेशन में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट की। 16 अक्टूबर को पुलिस ने उस रिक्शा ड्राइवर का पता लगाया, जिसने द्वारकेश को अक्षर चौक छोड़ा था।
पुलिस को शिमला रोड किनारे सोते हए मिले थे द्वारकेश
16 अक्टूबर को ही द्वारकेश वडोदरा के रेलवे स्टेशन पर नज़र आए थे। उसी दिन पुलिस ने उन्हें अंकलेश्वर, सूरत, मुंबई और गुजरात के अन्य शहरों में खोजा। 17 अक्टूबर को द्वारकेश दिल्ली से बस लेकर शिमला पहुँचे। 04 नवंबर को उन्होंने शिमला के एक होटल मैनेजर से जॉब माँगी। मैनेजर ने शक होने पर पुलिस को इसकी जानकारी दी। उसी रात को द्वारकेश, पुलिस को शिमला रोड किनारे सोते हए मिले थे।
बुज़ुर्ग कमलाथल की मदद को भी आगे आए थे महिंद्रा
यह पहली बार नहीं है, जब महिंद्रा ने किसी जरूरतमंद की मदद के लिए आगे आए हैं। इससे पहले उन्होंने तमिलनाडु के वदिवेलमपालायम की बुज़ुर्ग महिला कमलाथल को मदद की और बिजनेस में पैसा लगाने की पेशकश की थी। दरअसल कमलाथल आज के इस महँगाई के दौर में भी केवल एक रुपये में इडली और सांभर मसालेदार चटनी के साथ बेच रही हैं। ऐसा वो इसलिए करती हैं, ताकि दिहाड़ी मज़दूरी करने वाले लोगों का पेट आसानी से भर जाए।