इटली: वेनिस की ग्रैंड कैनाल के पानी का रंग बदला, जांच में जुटी पुलिस
इटली के वेनिस शहर से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। यहां की चर्चित ग्रैंड कैनाल में पानी का रंग अचानक बदलकर हरा हो गया। इस बात की जानकारी रियाल्टो ब्रिज के पास रहने वाले कुछ स्थानीय लोगों ने दी, जिसके बाद बैठक बुलाई गई। इसके बाद कैनल के पानी के रंग में बदलाव को लेकर कई कयास लगाए गए, लेकिन सटीक कारण का अभी पता नहीं चला है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।
रविवार को दिखा कैनाल में हरा पानी
वेनिस के निवासियों ने पहली बार रविवार को सुबह करीब 9:30 बजे ग्रैंड कैनाल में हरे रंग के पानी को देखा। वहां के क्षेत्रीय अध्यक्ष लुका जिया ने ट्वीट किया, 'आज सुबह वेनिस की ग्रैंड कैनाल में पानी का रंग फॉस्फोरसेंट ग्रीन दिखाई दिया, जिसकी सूचना रियाल्टो ब्रिज के पास के कुछ निवासियों ने दी। इसके बाद पुलिस के साथ एक तत्काल बैठक बुलाई गई ताकि पानी के रंग की जांच की जा सकें।'
यहां देखिए क्षेत्रीय अध्यक्ष का ट्वीट
जांच के लिए भेजा गया पानी का सैंपल
इस घटना के बारे में पता लगाने के लिए अधिकारियों ने पानी के सैंपल जांच के लिए भेज दिये हैं। इसके बाद उन्होंने आस-पास के लगे CCTV कैमरों की भी जांच की और स्थानीय नाव चालकों से घटना के बारे में पूछताछ भी की।
नागरिकों ने रंग में बदलाव होने के पीछे लगाएं ये अनुमान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैनाल के पानी के रंग में बदलाव का सही कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन लोग इसे लेकर अलग-अलग कयास लगा रहे हैं। इसमें से कुछ लोगों का कहना है कि यह घटना पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा उनके विरोध का एक तरीका हो सकता है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि शायद किसी ने कैनाल में डाई (रंग) डाल दिया है, जिसकी वजह से पानी का रंग बदल गया।
पर्यावरण सरंक्षण के लिए बनी एजेंसी ने क्या कहा?
मीडिया के साथ बातचीत के दौरान पर्यावरण सरंक्षण के लिए बनी क्षेत्री एजेंसी के मौरिजियो वेस्को ने बताया कि अब तक के शुरुआती विश्लेषणों से पता चला है कि कैनाल में फ्लोरोसेंट हरा रंग डाई पाउडर की वजह से हुआ है। उन्होंने आगे कहा, "कैनाल में हरे रंग के धब्बे के आकार को देखकर लगता है कि उसमें कम से कम 1 किलो डाई छोड़ी गई है। मैं खुद इस घटना पर विश्वास नहीं कर पा रहा हूं।"
पहले भी बदला जा चुका है पानी का रंग
यह पहली बार नहीं है, जब वेनिस की ग्रैंड कैनाल में पानी का रंग बदल गया हो। इससे पहले साल 1968 में अर्जेंटीना के कलाकार निकोलस गार्सिया उरिबुरू ने वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम वेनिस बिएनले के दौरान पानी को हरे रंग में बदल दिया था। उस वक्त ऐसा करने के पीछे का मकसद प्रकृति, पर्यावरण और सभ्यता के संबंध को दर्शाने और पारिस्थितिक मुद्दों को उजागर करने के लिए था।