UK में पहली बार खुली ईको जेल, सुविधा देखकर लग्जरी होटल से की जा रही तुलना
क्या है खबर?
जेल एक ऐसी जगह है, जो अकसर क्रूरता के लिए जानी जाती है, लेकिन यूनाइटेड किंगडम (UK) के लीसेस्टर में पहली बार खुली ईको जेल इससे बिल्कुल विपरित है।
यहां पर कैदियों के लिए फुटबॉल खेलने, संगीत स्टूडियो, आउटडोर जिम, गेम खेलने के लिए कंप्यूटर और पुस्तकालय जैसी कई सुविधाएं मौजूद हैं।
इस अनोखी जेल की तस्वीरें सामने आने के बाद कई यूजर्स इसकी बनावट और सुविधाओं की तुलना लग्जरी होटल से कर रहे हैं।
सुविधाएं
जेल में कैदियों के लिए क्या-क्या सुविधाएं हैं?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जेल का नाम HMP फॉस वे है, जिसमें 1,715 कैदियों को रखने की व्यवस्था की गई है।
इस जेल में कैदियों के लिए कई सुविधाएं मौजूद हैं। इसमें फुटबाल खेलने वाले मैदान, गाने बनाने के लिए संगीत स्टूडियो, जिम, कंप्यूटर गेम, A-स्तर और डिग्री के लिए अध्ययन, ड्राइविंग लाइसेंस, चश्मा बनाने और जेलों के लिए ठोस नींव और एंटी-लिगेचर LED लाइटिंग बनाने के लिए प्रशिक्षण भी शामिल हैं।
उद्देश्य
किस उद्देश्य से बनाई गई है ईको जेल?
यह जेल समाज के खिलाफ अपराधों को कम करने, सजा पूरी होने वाले अपराधियों को नए कौशल सिखाने और उद्योगों में प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से खोली गई है।
इसके अलावा यह श्रेणी-C की जेल है, जिसे सर्को नामक एक निजी कंपनी द्वारा संचालित किया जाता है।
इस तरह की श्रेणी वाली जेलें आमतौर पर कैदियों के पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करती और नौकरियों में प्रशिक्षित करने और उनके जीवन को पटरी पर लाने के लिए सुविधाएं प्रदान करती हैं।
निर्माण
जेल के निर्माण में किन सामग्रियों का हुआ इस्तेमाल?
इस जेल का बनाने में ईको ईंधन, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक निर्माण मशीनरी का इस्तेमाल किया गया है और इसे ऑफ-साइट डिजाइन करके निर्मित किया गया।
इसके अलावा इसमें पर्यावरण-अनुकूल कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में 40 प्रतिशत की कमी आती है।
साथ ही इस परियोजना में बिजली जनरेटर का भी इस्तेमाल किया गया, जो डीजल की जगह वनस्पति तेल उपयोग करता है। इससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 90 प्रतिशत की कटौती हुई है।
जानकारी
करोड़ों रुपये में बनकर तैयार हुई जेल
यह जेल दुनिया की पहली अल्ट्रा लो-कार्बन जेलों में से एक है, जिसमें लगभग 1,000 सौर पैनल, हीट पंप, ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पॉइंट हैं। इसके निर्माण में लगभग 500 लोग शामिल थे और इसमें करोड़ों रुपये का खर्च आया है।
प्रतिक्रिया
यूजर्स ने जेल की सुविधाएं देखकर की आलोचना
सोशल मीडिया पर इस जेल की तस्वीरें सामने आने के बाद कुछ यूजर्स इसकी आलोचना करते हुए इसकी तुलना एक होटल और छात्रावास से कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, 'यह जेल तो कई विश्वविद्यालयों में छात्रावास से भी बेहतर बनाई गई है। यह गलत है।'
दूसरे यूजर ने लिखा, 'हम बदतर होटलों में रुकते हैं, लेकिन अपराधियों के लिए लग्जरी होटल जैसी सुविधाएं और बनावट वाली जेल बनाई गई है।'