कलाकार ने 440 जोड़ी सैंडलों से सजाई इमारत, वजह जानकर हो जाएँगे हैरान
क्या है खबर?
कुछ लोग अपने घर को सजावटी चीज़ों से सजाते हैं, ताकि उनका घर सुंदर और सबसे अलग दिखे।
वैसे तो आपने लोगों को कई चीज़ों से घर को सजाते हुए देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी को सैंडलों से इमारत को सजाते हुए देखा है? शायद नहीं देखा होगा।
लेकिन हाल ही में एक कलाकार ने एक इमारत को 440 जोड़ी सैंडलों से सजाया है। इसके पीछे की वजह जानकर आप यक़ीनन हैरान हो जाएँगे।
आइए जानें।
हिंसा
पूरी दुनिया में महिलाओं के खिलाफ हिंसा है अहम मुद्दा
आज भले ही पूरी दुनिया में महिला और पुरुषों के बराबरी की बात की जा रही है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ हिंसा आम बात है।
आज महिलाओं के खिलाफ हिंसा पूरी दुनिया में एक अहम मुद्दा बन गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन हिंसा के मामलों में आवाज़ उठाने वालों की संख्या बहुत कम है।
इसको आज गंभीरता से देखने की ज़रूरत है। इसके लिए कलाकार ने यह अनोखा तरीक़ा खोजा।
वजह
2018 में घरेलू और यौन हिंसा में मारी गई थीं 440 महिलाएँ
जानकारी के अनुसार, इस्तांबुल के तुर्की कलाकार वाहित टूना ने घरेलू और यौन हिंसा के चलते अपनी जान देने वाली महिलाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए एक इमारत को 440 जोड़ी सैंडलों से सजाया है।
बता दें कि इस्तांबुल में 2018 में घरेलू और यौन हिंसा के चलते मरने वाली महिलाओं की संख्या 440 ही थी।
इसी वजह से उन्होंने इस्तांबुल की एक व्यस्त सड़क पर स्थित एक इमारत की मुख्य दीवार को 440 सैंडलों से सज़ा दिया।
जानकारी
दीवार पर सैंडल लगाकर दी मृत महिलाओं को श्रद्धांजलि
तुर्की परंपरा के अनुसार, मृत व्यक्ति की याद में घर के दरवाज़े या मुहाने पर उसके जूतों को लगाया जाता है। इसी परंपरा की तर्ज़ पर टूना ने इमारत की दीवार पर 440 सैंडलों को लगाकर मृत महिलाओं को श्रद्धांजलि दी है।
बयान
लोगों को सोचने पर मजबूर करेगी इमारत
टूना ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा पर कहा, "यह एक खुला घाव है, जिससे रक्त रिसाव हो रहा है और लोगों का ज़िंदगी में पहली बार इससे सामना हो रहा है।"
टूना का मानना है कि इमारत की दीवार को सैंडलों से सजाने से लोगों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा, "मेरा मानना है कि यह स्मृति स्मारक लोगों में जागरूकता लाएगी और उन्हें सोचने पर मजबूर करेगी।"
प्रतिक्रिया
लोगों ने दी टूना के प्रयास पर प्रतिक्रिया
टूना के इस अनोखे प्रयास को देखकर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है।
तुर्की बैंक कर्मी सेराप किलिक ने कहा, "सच कहूँ तो मैं ख़ुद को सड़क पर सुरक्षित महसूस नहीं करती हूँ और यह दृश्य भयावह है। दीवार पर 440 जोड़ी सैंडल इस बात का प्रतीक हैं कि 2018 में 440 जानें बेवजह इस दुनिया से रूखसत हो गईं।"
एक अन्य बैंक कर्मी हिलाल कोसोग्लू ने कहा, "जब तक हम सब शांत रहेंगे महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ती रहेगी।"
आँकड़े
2019 में भी हो चुकी है 49 महिलाओं की हत्या
उन्होंने आगे कहा, "यह सिर्फ़ उनकी हत्या करना ही नहीं है, बल्कि उन्हें दबाकर चुप कराकर उनके मौलिक अधिकारों की भी हत्या करना है।"
वी विल स्टॉप फेमिसाइड प्लेटफ़ॉर्म संस्था, जो मृत्यु का रिकॉर्ड रखती है, उसकी एक रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में 2018 में 440 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी।
जबकि, 2019 के मई महीने तक तुर्की में 49 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी। यह किसी देश के लिए दुर्भाग्य से कम नहीं है।