आख़िर क्यों 10 करोड़ रुपये में बिका यह कबूतर, जानें इसकी ख़ासियत
आसमान में सैकड़ों पक्षी उड़ते हुए हर रोज़ दिखाई देते होंगे। इन्ही में से एक पक्षी है कबूतार, जो बहुत ही आम है। यह आपको हर कहीं, आस-पास, सड़कों पर, खलिहानों में, बग़ीचे में आसानी से दिखता होगा। हर जगह मिलने वाले इस कबूतर को देखकर आप यह सपने में भी नहीं सोच सकते हैं कि इसको ख़रीदने के लिए करोड़ों की बोली भी लग सकती है। जी हाँ हाल ही में एक कबूतर लगभग 10 करोड़ रुपये में बिका।
लंबी दूरी की दौड़ में माहिर है कबूतर
जानकारी के अनुसार साधारण से ददिखने वाले कबूतर को चीन के एक व्यक्ति ने 14 लाख डॉलर (लगभग 10 करोड़ रुपये) में ख़रीदा है। इस कबूतर का नाम अरमांडो बताया जा रहा है, जो बेल्जियम का है और यह लंबी रेस के लिए जाना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अरमांडो एकलौता लंबी दूरी की दौड़ का कबूतर है, जिसे 'कबूतरों का लुईस हैमिल्टन' नाम से जाना जात है। यह पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
CNN ने पोस्ट किया अनोखे कबूतर का वीडियो
रिटायरमेंट के करीब है कबूतर
यह कबूतर इतना ख़ास है, इसी वजह से नीलामी के दौरान यह इतना महँगा बिका। इसके साथ ही यह कबूतर दुनिया का सबसे महँगा पक्षी भी बन गया। बता दें कि अरमांडो की उम्र अभी केवल पाँच साल है। यह अब रिटायरमेंट के करीब है, इसके बाद भी चीन के एक व्यक्ति ने इस कबूतर को ख़रीदने के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये की बोली लगाई। कबूतर को ख़रीदने के लिए नीलामी में लोगों की भीड़ लगी थी।
कबूतर के सात बच्चे भी शामिल थे नीलामी में
कबूतरों के लिए रखी गई इस नीलामी में अकेले अरमांडो को ही नहीं बेचा गया, बल्कि इस नीलामी में कुल 178 कबूतर बेचे गए। इसमें अरमांडो के सात बच्चे भी शामिल थे।
भैंसे को बेचने के लिए मिला था 9 करोड़ रुपये का ऑफ़र
अरमांडो से पहले 2016 में भारत में भी महँगी बोली लगने की वजह से एक भैंसा चर्चा में आया था। इस भैंसे का नाम 'युवराज' है और इसके मालिक हरियाणा के किसान कर्मवीर हैं। कर्मवीर हर साल इस भैंसे का सीमन (वीर्य) बेचकर 50 लाख रुपये से ज़्यादा की कमाई करते हैं। इस भैंसे को बेचने के लिए उन्हें 9 करोड़ रुपये का ऑफ़र मिला था, लेकिन उन्होंने भैंसे को बेचने से इनकार कर दिया था।