अपने जन्मदिन पर कार माँगने वाले व्यक्ति को आनंद महिंद्रा ने ऐसे दिया जवाब
सोशल मीडिया पर आए दिन तरह-तरह के पोस्ट देखने को मिलते हैं। कई बार लोग अपनी उल-जुलूल पोस्ट की वजह से ट्रोल भी हो जाते हैं। आनंद महिंद्रा ट्विटर पर काफ़ी सक्रिय हैं और आए दिन स्थानीय प्रतिभा और रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं। साथ ही वो ट्विटर पर जवाब देने में भी सबसे आगे हैं। हाल ही में एक व्यक्ति ने जब उनसे अपने जन्मदिन पर कार मांगी, तो उन्होंने बड़े अनोखे अंदाज़ में उसका जवाब दिया। आइए जानें।
विपुल ने आनंद महिंद्रा से की महिंद्रा थार की माँग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में विपुल नाम के एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा, 'सर मैं आपका बहुत पड़ा प्रशंसक हूँ। क्या आप मुझे मेरे जन्मदिन पर एक महिंद्रा थार गिफ़्ट कर सकते हैं।'
विपुल का ट्वीट
अनोखे अंदाज़ में दिया विपुल के ट्वीट का जवाब
महिंद्रा ने अपनी शैली में प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'दिन का शब्द सबक़: CHUTZPAH हालाँकि, इसके बाद उन्होंने इस शब्द का मतलब भी समझाया। उन्होंने लिखा, 'बहुत ज़्यादा आत्मविश्वास या दुस्साह।' इसके बाद सभी शब्दकोशों की तरह महिंद्रा ने एक वाक्य में इस शब्द का इस्तेमाल बेहतर ढंग से समझाने के लिए किया: प्यार करों या नफ़रत करो, आपको विपुल के Chutzpah की प्रशंसा करनी होगी। विपुल के Chutzpah के लिए पूर्ण अंक, लेकिन दुर्भाग्य से मैं 'हाँ' नहीं कहूँगा।'
आनंद महिंद्रा का विपुल को जवाब
मेरा धंधा बंद हो जाएगा: महिंद्रा
बता दें कि महिंद्रा का मक़सद विपुल को सोशल मीडिया पर शर्मसार करना नहीं था। उन्होंने बस मज़ाक़िया अंदाज़ में विपुल के ट्वीट का जवाब दिया था। महिंद्रा ने अंत में यह भी कहा, 'मेरा धंधा बंद हो जाएगा।'
हमेशा करते हैं जरूरतमंद लोगों की मदद
आनंद महिंद्रा ट्विटर पर काफ़ी चर्चित हैं। ट्विटर पर उनके 70 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर हैं। शायद वो भारत के पहले बिजनेसमैन हैं, जिनके ट्विटर पर इतने ज़्यादा फ़ॉलोअर हैं। महिंद्रा समूह के अध्यक्ष होने के अलावा वो सोशल मीडिया पर एक परोपकारी व्यक्ति के रूप में काम करते हैं। महिंद्रा अक्सर उन लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं, जिन्हें मदद की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। अपनी इसी ख़ूबी की वजह से वो इतने चर्चित हैं।
महिंद्रा ने की थी मोची की मदद
पिछले साल महिंद्रा ने हरियाणा के एक मोची की मदद की थी। दरअसल, मोची का काम करने वाले नरसीराम के लिए महिंद्रा ने जूतों के अस्पताल का डिज़ाइन बनवाने की बात कही थी। महिंद्रा ने ट्विटर उपयोगकर्ताओं से भी डिज़ाइन तैयार करने में मदद माँगी थी। जानकारी के अनुसार, नरसीराम 'जख्मी जूतों का अस्पताल' का बोर्ड लगाकर राहगीरों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचते थे। मोची की इस रचनात्मक सोच को देखकर महिंद्रा काफ़ी प्रभावित हुए थे।