कोलकाता: 50 किलो सोने से बनी है यह दुर्गा प्रतिमा, खर्च हुए इतने करोड़ रुपये
क्या है खबर?
इस समय देशभर में जगह-जगह देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है।
वैसे तो पूरे देश में दुर्गा पूजा का उत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल में इसका ख़ास महत्व होता है।
यहां दुर्गा पूजा के समय तरह-तरह की प्रतिमाएँ स्थापित की जाती हैं। ऐसे ही इस बार दुर्गा पूजा के लिए कोलकाता में देवी दुर्गा की 50 किलो सोने से बनी एक प्रतिमा स्थापित की गई है।
आइए उसके बारे में जानें।
कीमत
लगभग 20 करोड़ रुपये में बनी है प्रतिमा और पंडाल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस प्रतिमा को रात में काम करने वाले लगभग 250 श्रमिकों ने तीन महीने में तैयार किया है।
केवल यही नहीं, देवी दुर्गा की मूर्ति के साथ ही पंडाल भी सोने से बनाया गया है।
ख़बरों के अनुसार, देवी दुर्गा की मूर्ति और पंडाल में लगभग 20 करोड़ रुपये का सोना लगाया गया है।
दुर्गा पूजा समिति का दावा है कि संभवतः इस नवरात्र में यह देश की सबसे महँगी प्रतिमा है।
सुरक्षा
सुरक्षा में तैनात किया गया है भारी संख्या में पुलिस बल
संतोष मित्र स्क्वायर पर बने पंडाल में लगी इस प्रतिमा की ऊँचाई 13 फ़ीट है।
देवी दुर्गा की प्रतिमा और पंडाल सोने से बना है, इसलिए इसकी सुरक्षा में भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया है।
सोने से जड़ी देवी दुर्गा की प्रतिमा पर हर तरह से नज़र रखी जा रही है। समिति के सचिव सजल घोष ने बताया कि माता को सिर से लेकर पैर तक सोने की परतों से मढ़ा गया है।
व्यवस्था
शेर और महिषासुर भी बने हैं सोने से
बता दें कि माता की सवारी शेर और महिषासुर को भी सोने से सजाया गया है। सोने से सजे हुए शेर लोगों को प्रभावित कर रहे हैं।
दुर्गा पूजा में सोने से सजे इस महँगे पंडाल में देवी दुर्गा के दर्शन के लिए लोगों की लाइन लगी रहती है। इस वजह से यहाँ भगदड़ न मचे, इसके लिए लोगों को गेट पर ही रोका जाता है। बाद में धीरे-धीरे सबको लाइन से दर्शन करवाए जाते हैं।
पुराना मामला
देवी दुर्गा को पिछली बार सोने की साड़ी से लपेटा गया था
यह पहली बार नहीं है जब दुर्गा पूजा आयोजकों ने आभूषणों के इस तरह के प्रदर्शन का सहारा लिया है।
2017 में उन्होंने देवी दुर्गा को सोने की साड़ी में लपेटा था। वहीं, देवी दुर्गा को चाँदी के रथ पर स्थापित किया गया था।
ANI से बात करते हुए पूजा समिति के एक सदस्य ने कहा, "हम सिर्फ़ दुनिया को यह दिखाना चाहते थे कि मशीन सोने की मूर्ति नहीं बना सकती, केवल आदमी ही ऐसा कर सकता है।"