मिस्र में पुरातत्वविदों ने खोजा मृतकों का शहर, खुदाई में निकली कई सदियों पुरानी कब्रें
क्या है खबर?
मिस्र में पुरातत्वविदों ने एक मृतकों के शहर की खोज की है, जिसकी खुदाई के दौरान सैंकड़ों प्राचीन कब्रें पाई गई हैं।
मिलान विश्वविद्यालय ने पिछले सप्ताह इस ऐतिहासिक खोज की घोषणा की थी। ये सभी कब्रें दक्षिणी मिस्र में स्थित असवान में आगा खान के मकबरे के पास पाई गईं थीं।
मिलान विश्वविद्यालय में इजिप्टोलॉजी की प्रोफेसर पैट्रिजिया पियासेंटिनी ने बताया कि पूरे क्षेत्र में 300 से 400 कब्रें मौजूद थीं।
आइए इस खबर को विस्तार से जानते हैं।
खुदाई
2019 में शुरू हुई थी इस ऐतिहासिक स्थान की खुदाई
पैट्रिजिया ने मीडिया से बात-चीत करते हुए बताया, "छठी शताब्दी ईसा पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी तक इस क्षेत्र का उपयोग कब्रों को दफनाने के लिए किया जाता था।"
इस जगह की खुदाई 2019 में शुरू हुई थी, लेकिन कुछ कब्रें अब तक पुरातत्वविदों के लिए अज्ञात हैं। कब्रों के बाहर उल्लेखनीय रूप से संरक्षित ममियों की कई तस्वीरें सामने आई हैं।
अन्य तस्वीरें मिट्टी की ईंट से बनी दीवारों और एक आंतरिक अदालत को दिखाती हैं।
विशेषता
जानिए इस अनोखे कब्रिस्तान की प्रमुख विशेषता
इससे संबंधित प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया, "प्राचीन काल में इन संरचनाओं से एक अविश्वसनीय चित्रमाला उत्पन्न होती थी। यह चित्रमाला खासकर दावतों के दौरान उजागर होती थी, जब इस स्थान को लैंप से रोशन किया जाता था। यह आगा खान कब्रिस्तान की एक प्रमुख विशेषता है।"
पैट्रिजिया का कहना है कि भविष्य में इस क्षेत्र से और भी कब्रें मिलने की आशंका हो सकती है। जानकारी के मुताबिक अधिकारी सभी ममियों का परीक्षण करेंगे।
ममीकृत शरीर
इस क्षेत्र में आज भी संरक्षित हैं दर्जनों ममीकृत शरीर
मिलान विश्वविद्यालय के बयान में कहा गया, "ग्रीको-रोमन काल में इन कब्रों को लूट लिया गया था, लेकिन अभी भी दर्जनों ममीकृत शरीर संरक्षित हैं।"
बयान में आगे कहा गया, "ममीकृत शवों में एक वयस्क महिला और एक 2 साल का बच्चा एक कब्र के पत्थर के ताबूत में एक के ऊपर एक आराम कर रहे हैं, जो की भावुक करने वाला दृश्य है।"
यहां टेराकोटा की मूर्तियां, लकड़ी से बने ताबूत, टेबल और मुखौटे भी पाए गए हैं।
मृत्यु
इन कारणों से हुई थी इस क्षेत्र के लोगों की मृत्यु
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पश्चिम असवान में मिस्र-इतालवी मिशन ने शवों पर रेडियोलॉजिकल विश्लेषण किया और पाया कि कई मृतकों की जान कम उम्र में ही गई थी।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "कुछ व्यक्ति संक्रामक रोगों से पीड़ित थे और कुछ अन्य चयापचय संबंधी विकारों के कारण जान गवा बैठे थे। अन्य शरीरों में एनीमिया और पोषण संबंधी कमियों के लक्षण दिखाई देते हैं।"
इसके अलावा कई लोगों की मौत बुढ़ापे के कारण भी हुई थी।