मिलिए आज के ज़माने की जलपरी से, सूर्योदय होते ही डूब जाती है गहरे तालाब में
अक्सर आपने कई हॉलीवुड फ़िल्मों में जलपरी देखी होगी, जो दिनभर पानी में रहती है और रात होते ही बाहर आ जाती है। ऐसा फ़िल्मों में तो कई बार होते हुए देखा होगा, लेकिन आज हम आपको एक असली जलपरी के बारे में बताने जा रहे हैं। आज हम आपको ऐसी महिला के बारे में बताने वाले हैं जो सुबह होते ही तालाब ढूँढने लगती है। महिला को ऐसा क्यों करना पड़ता है? इसकी सच्चाई जानकर हैरान हो जाएँगे आप।
सूर्यास्त के बाद निकलती है पानी से बाहर
जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के कटवा जिले में गोवई नाम का एक गाँव है। यहाँ पर एक 60 साल की ऐसी महिला रहती है, जिसके कारनामे अजीबो-ग़रीब है। महिला के घर वालों का कहना है कि वह पिछले 20 सालों से हर रोज़ सूर्योदय से पहले तालाब खोजने निकल जाती है और हर रोज़ 12-14 घंटे पानी में बिताती है। सूर्योदय होते ही वह पानी में डूब जाती है और सूर्यास्त होने के बाद पानी से बाहर निकलती है।
महिला की त्वचा पर होती है काफ़ी जलन
महिला तालाब में ख़ुद को गले तक पानी में डुबो लेती है और तब तक वहीं रहती है, जब तक सूर्य डूब नहीं जाता। हैरानी की बात यह है कि महिला तालाब से ही लोगों से बात करती है और वहीं पर खाना भी खा लेती है। तालाब से वह केवल घर जाने के लिए निकलती है। दरअसल महिला को आज से 20 साल पहले एक अजीब बीमारी हुई थी। इससे महिला की त्वचा पर काफ़ी जलन होती है।
पानी में जाने से मिलती है राहत
महिला की बेटी का कहना है कि 20 साल पहले उसकी माँ की तबियत ख़राब हो गई थी। इसके बाद धूप में आते ही उनकी त्वचा जलने लगती थी। गर्मी इतनी ज़्यादा होती थी कि बर्दाश्त नहीं होती थी। उन्हें पानी में जाने से राहत मिलने लगी। उसके बाद से उन्होंने इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया और हर रोज़ सुबह होते ही पानी में उतर जाती हैं। अब यह उनके लिए सामान्य हो गया है।
लोग कहते हैं महिला की आत्मा बसी है तालाब में
महिला ऐसा 1998 से कर रही है। कई लोग तो ऐसा समझने लगे हैं कि महिला की आत्मा तालाब में बस गई है, इसी वजह से वह पूरा दिन तालाब में ही गुज़ारती है। कई लोग महिला को जलपरी नाम से भी जानने लगे हैं।