49 नाते-पोतियों वाले 66 साल के बुज़ुर्ग ने 55 साल की महिला से रचाई शादी
कहते हैं कि प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। पहली नज़र में प्यार होना और उसे अपना जीवनसाथी बनाने का मामला आपने पहले भी कई बार देखा-सुना होगा। आज हम आपको एक ऐसा ही मामला बताने जा रहे हैं, जिसमें एक व्यक्ति को पहली नज़र में एक महिला से प्यार हुआ और व्यक्ति ने उसे अपना जीवनसाथी बनाने का फ़ैसला कर लिया। हालाँकि, इस मामले में व्यक्ति 66 साल का बुज़ुर्ग और महिला 55 साल की है।
मुख्त्यार के हैं 14 बच्चे और 49 नाते-पोतियाँ
जानकारी के अनुसार, राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता शहर में शादी का एक बड़ा ही अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। इस शादी में दूल्हे के रूप में 66 साल के मुख्त्यार स्यां भाटी थे, तो दुल्हन के रूप में 55 साल की आमना खातून थीं। शादी के बाद नए जोड़े को मुख्त्यार की 95 साल की माँ जैतून बाई ने आशीर्वाद भी दिया। हैरान करने वाली बात ये है कि मुख्त्यार के 14 बच्चे और 49 नाते-पोतियाँ हैं।
अजमेर की रहने वाली आमना का है एक बेटा
मूलरूप से जयपुर की अजमेर में रहने वाली आमना का एक बेटा है। यह शादी ईद पर संपन्न हुई। जिसके बाद से मुख्त्यार के घर में ख़ुशी का माहौल बना हुआ है। वहीं, क्षेत्र में इस अजीबो-गरीब शादी की चर्चा जोरों पर हो रही है।
मुख्त्यार की पत्नी का आठ साल पहले हो गया था निधन
बता दें कि मेड़ता शहर के कुंडल सरोवर की पाल पर स्थित साइयों का मोहल्ला निवासी मुख्त्यार की पत्नी का आठ साल पहले निधन हो गया था। वहीं, आमना के पति की भी कई साल पहले ही मौत हो चुकी है। भवन निर्माण का काम करने वाले मुख्त्यार के 14 बच्चों में से सात बेटे और सात बेटियाँ हैं। मुख्त्यार की शादी में परिवार के सभी सदस्यों के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और समाजसेवी भी शामिल हुए थे।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा मेड़ता शहर मंडल के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं मुख्त्यार
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्त्यार शहर के नामी-गिरामी लोगों में से एक हैं। इसके अलावा वो भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा मेड़ता शहर मंडल के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
अजमेर की दरगाह शरीफ़ में हुई थी पहली मुलाक़ात
पत्नी की मौत के बाद से मुख्त्यार काफ़ी दुखी थे। वे दूसरे जीवनसाथी की तलाश में थे। बीते दिनों जब रमज़ान शुरू हुआ तो उन्होंने अजमेर में दरगाह शरीफ़ में रहकर रोज़े रखने का मन बनाया। जब वो दरगाह में रह रहे थे, उसी दौरान उनकी मुलाक़ात अजमेर की ही आमना से हुई। पहली नज़र में दोनों ने एक-दूसरे को पसंद किया और जीवनसाथी बनने का फ़ैसला किया। मुख्त्यार की बारात मेड़ता से निकली और शादी अजमेर में संपन्न हुई।
53 साल छोटी महिला से रचाई थी शादी
राजस्थान में बुज़ुर्गों की शादी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले राजस्थान के 83 वर्षीय बुज़ुर्ग सुखराम बैरवा ने पुत्र की चाहत में अपने से 53 साल छोटी महिला 30 वर्षीय रेशमी से शादी रचाई थी। सुखराम की पहली पत्नी जिंदा हैं और उनकी रज़ामंदी से ही शादी हुई थी। उस शादी में भी बुज़ुर्ग की बेटियाँ, दामाद और नाती शामिल हुए थे। शादी में शामिल होने के लिए 12 गाँवों में निमंत्रण भी दिया गया था।