टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे युवा कप्तान रहे खिलाड़ियों पर एक नजर
क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में कप्तान की जिम्मेदारी बहुत ज्यादा होती है। गेंदबाजों को कौन सा ओवर देना है, बल्लेबाजी में कौन-सा खिलाड़ी किस नंबर पर आएगा ये सबकुछ कप्तान ही तय करता है। टेस्ट क्रिकेट तो 5 दिनों का होता है, ऐसे में इस प्रारूप में हमेशा से देखा गया है कि अनुभवी खिलाड़ियों को ही कप्तानी की जिम्मेदारी मिलती है। ऐसे में आइए इस प्रारूप के इतिहास में सबसे युवा कप्तानों पर एक नजर डालते हैं।
राशिद खान (अफगानिस्तान)
इस सूची में पहले स्थान पर अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी राशिद खान हैं। उन्होंने साल 2019 में अफगानिस्तान की कप्तानी बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाफ की थी। उस मैच में उनकी उम्र 20 साल और 350 दिन की थी। अफगानिस्तान को 224 रन से जीत मिली थी। राशिद मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच भी बने थे। उन्होंने दोनों पारियों में 5 विकेट हॉल लिए थे। उनके बल्ले से 51 रन की पारी भी निकली थी।
तातेंदा तैबू (जिम्बाब्वे)
सूची में दूसरे स्थान पर जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी तातेंदा तैबू हैं। उन्हें साल 2004 में श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ मुकाबले में कप्तान बनाया गया था। तब उनकी उम्र 20 साल और 358 दिन की थी। उस मुकाबले में श्रीलंका को पारी और 240 रन से जीत मिली थी। जिम्बाब्वे की टीम दोनों पारियों में सिर्फ 199 और 102 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी। मुथैया मुरलीधरन ने मैच में 8 विकेट लिए थे।
मंसूर अली खान पटौदी (भारत)
सूची में तीसरे स्थान पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी मंसूर अली खान पटौदी हैं। साल 1962 में 21 साल और 77 दिन की उम्र में उन्हें वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ टीम की कप्तानी मिली थी। उस मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम को पारी और 30 रन से जीत मिली थी। भारतीय टीम पहली पारी में 258 रन और दूसरी पारी में 187 रन पर ऑलआउट हो गई थी।
वकार यूनुस (पाकिस्तान)
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनुस सूची में चौथे स्थान पर हैं। उन्हें 22 साल और 15 दिन की उम्र में कप्तानी मिली थी। साल 1993 में जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबले में वह कप्तान थे और उस मुकाबले में वह 'प्लेयर ऑफ द मैच' भी बने थे। पहली पारी में उन्होंने 91 रन देकर 7 विकेट झटके थे। दूसरी पारी में उनके नाम 6 विकेट थे। पाकिस्तान को मैच में 131 रन से जीत मिली थी।