वुशू में 30 से ज़्यादा मेडल जीतने वाली खिलाड़ी मनरेगा में मजदूरी करने को हुई मजबूर
भारत में स्पोर्ट्स फेडरेशन और राज्य एथलीट्स के लिए तमाम दावे करते हैं, लेकिन आए दिन देखने को मिलता है कि एथलीट्स कितनी बुरी स्थिति से गुजर रहे हैं। ताजा मामला हरियाणा के रोहतक का है जहां कि महिला वुशू खिलाड़ी को अपना और परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मनरेगा में मजदूरी करनी पड़ रही है। रोहतक जिले के इंदरगढ़ गांव की रहने वाली वुशू खिलाड़ी शिक्षा खेतों में धान की रोपाई भी कर रही हैं।
शिक्षा की उपलब्धियों पर डालते हैं एक नजर
शिक्षा ने 54 और 60 किलो भारवर्ग में नौ नेशनल चैंपियनशिप अपने नाम की है। इसके अलावा उन्होंने स्टेट लेवल पर कुल 24 मेडल अपने नाम किए हैं। शिक्षा की मेडल टैली में तीन बार ऑल इंडिया चैंपियनशिप भी शामिल है। इतना सबकुछ जीतने के बावजूद शिक्षा पिछले तीन साल से खेल विभाग से कैश अवार्ड मिलने का इंतजार कर रही हैं। उन्हें SC कैटेगिरी में मिलने वाली स्कॉलरशिप भी नहीं मिली है।
मनरेगा और खेतों में धान की रोपाई करने को मजबूर हैं शिक्षा
लॉकडाउन के कारण खेलों का आयोजन और प्रैक्टिस नहीं हो पा रहे हैं और शिक्षा अपने बूढ़े माता-पिता की मदद के लिए मनरेगा में मजदूरी कर रही हैं। पंजाब केसरी हरियाणा से बातचीत के दौरान शिक्षा ने बताया कि मजबूरी के कारण उन्हें मनरेगा में मजदूरी करनी पड़ रही है। उन्होंने आगे कहा, "लॉकडाउन में प्रैक्टिस भी नहीं हो पा रही है और साथ ही घर का खर्चा चलाना भी काफी मुश्किल हो गया है।"
सरकार से लगातार नौकरी की मांग कर रही हैं शिक्षा
शिक्षा ने आगे कहा कि उन्होंने नौकरी के लिए पिछले साल भी फॉर्म भरा था, लेकिन कुछ हुआ नहीं और वह सरकार से नौकरी देने की मांग कर रही हैं। उनके माता-पिता ने कहा, "मजदूरी करके ही हमने अपनी बेटी को यहां तक पहुंचाया है और अब ऐसी स्थिति काफी दुखदायी है। पेट भरने के लिए मजदूरी में बेटी हाथ बंटा रही है और सरकार अब तक कोई मदद नही कर रही।"
खेल में जीती, लेकिन सिस्टम से हार गई
ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वुशू चैंपियनशिप एमडीयू के लिए दो बार खेलते हुए शिक्षा सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। शिक्षा एमडीयू, पीयू में ऑल इंडिया खेल चुकी हैं तो वहीं झारखंड, रांची, असम, शिलॉन्ग, मणिपुर, हिमांचल प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में नेशनल लेवल पर खेल चुकी हैं। इतना खेलने के बावजूद आज वह जिस हालत में हैं उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि खेल में तो जीत गई, लेकिन सिस्टम से हार गई।